Last Updated: Thursday, November 17, 2011, 13:09

इस्लामाबाद : अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी ने इस्तीफे की पेशकश की है। कुछ खबरों के अनुसार राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सैन्य तख्तापलट के अंदेशे से ओबामा प्रशासन को गुप्त ज्ञापन भेजा था जिसमें हक्कानी की भी कथित भूमिका थी।
कहा जाता है कि जरदारी ने सैन्य कार्रवाई को टालने के लिए ओबामा प्रशासन को यह ज्ञापन भेजा था।
अमेरिका में पाक उद्योगपति मंसूर एजाज़ द्वारा अमेरिका के तत्कालीन सेना प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन को भेजे कथित पत्र से उपजे विवाद को खत्म करने के लिए हक्कानी ने राष्ट्रपति जरदारी को इस्तीफे की पेशकश करते हुए पत्र भेजा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसूफ रजा गिलानी ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए हक्कानी को इस्लामाबाद बुलाया है।
उनका कहना है कि उन्होंने इस कथित ज्ञापन का प्रारूप तैयार करने या भेजने में कोई भूमिका नहीं निभाई है।
हक्कानी ने जरदारी को लिखे अपने पत्र का हवाला देते हुए ‘द केबल’ वेबसाइट को बताया, ना ही आपके या पाक सरकार में किसी के द्वारा मुझे ऐसा ज्ञापन तैयार करने के लिए कहा गया था और ना ही मैंने ऐसा कोई ज्ञापन किसी को भेजा है।
हक्कानी ने यह भी लिखा है कि वह सिर्फ पाक सरकार में सेना के हस्तक्षेप के विरोधी रहे हैं पर फिर भी उन्हें ‘सेना का विरोधी’ बोलकर बदनाम किया जाता है। हक्कानी ने कहा कि वह सिर्फ राष्ट्रहित में इस्तीफे की पेशकश कर रहें हैं और इसकी स्वीकृति अब राष्ट्रपति पर ही निर्भर करती है। इसी बीच सूचना मंत्री फिरदौस आशिक अवान ने राजदूत हक्कानी को पाकिस्तान बुलाने की बात को रूटीन का हिस्सा बताया। अवान ने इस बात का जोरदार खंडन किया कि हक्कानी से इस्तीफा मांगा गया है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 17, 2011, 18:39