राजपक्षे के वरिष्ठ प्रतिनिधि भारत के लिए रवाना

राजपक्षे के वरिष्ठ प्रतिनिधि भारत के लिए रवाना

कोलंबो : श्रीलंका ने 13वें संशोधन (13ए) को लेकर खड़े हुए विवाद की पृष्ठभूमि में भारतीय नेतृत्व के साथ बातचीत करने के लिए राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई बासिल राजपक्षे को प्रतिनिधि के तौर पर दिल्ली भेजा है। बासिल श्रीलंका के आर्थिक विकास मंत्री तथा राष्ट्रपति के प्रमुख राजनीतिक सलाहकार हैं। वह दिल्ली में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात कर सकते हैं।

यह दौरा उस वक्त हो रहा है जब श्रीलंका की सरकार संशोधन के जरिए प्रांतीय परिषदों को मिली शक्तियों को कम करने की योजना बना रही है। ये शक्तियां साल 1987 भारत और श्रीलंका के बीच हुए समझौते के तहत मिली थी। उस समय भारत ने गृहयुद्ध का सामना कर रहे श्रीलंका में दखल दिया था।

सरकार के प्रवक्ता और मंत्री कहेलिया रामबुकवेला ने कहा, ‘हम सामान्य शिष्टाचार के तौर पर अपने एक वरिष्ठ मंत्री को भेज रहे हैं क्योंकि प्रांतीय परिषदों की स्थापना राजीव गांधी-जेआर जयवर्धने समझौते के तहत हुई थी।’ रामबुकवेला ने कहा, ‘वह भारत को इस बारे में सूचित करेंगे कि हम 13वें संशोधन के जरिए क्या करने जा रहे हैं। सरकार के तौर पर हमने फैसला किया है कि इसमें कुछ संशोधनों अथवा बदलाव की जरूरत है ताकि यह मौजूदा परिस्थिति के अनुकूल बन सके। संविधान कोई पत्थर की लकीर नहीं है। इसमें समय समय पर बदलाव हो सकता है।’

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार प्रांतीय परिषदों से पुलिस और भूमि संबंधी शक्तियां कम करना चाहती है, तो उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग इसे शक्तियों को बढ़ाना कह सकते हैं, जबकि कुछ की राय अलग होगी। इन शक्तियों का प्रांतीय परिषदों ने कभी इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि इसकी शक्ति उन्हें कभी नहीं दी गई थी।’ रामबुकवेला ने कहा कि राजपक्षे इसे भारत सरकार के समक्ष इस बात को स्पष्ट तौर पर रखने की उम्मीद कर रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 4, 2013, 18:39

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