Last Updated: Friday, July 26, 2013, 23:18

इस्लामाबाद : देश के मुख्य विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने आज तय किया कि वह अगले सप्ताह होने वाले राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करेगा। पीपीपी के इस कदम ने पीएमएल-एन उम्मीदवार ममनून हुसैन की जीत की राह और भी आसान कर दी।
पीपीपी ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा चुनाव की तारीख पहले करने से उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति पद के सबसे मजबूत उम्मीदवार के नामांकन पर सवाल उठाए जाने के बावजूद उसे स्वीकार कर लिया। विरोधियों का आरोप था कि दाढ़ी नहीं रखने के कारण वह राष्ट्रपति पद के लिए योग्य नहीं हैं।
चुनाव के बहिष्कार की घोषणा करते हुए पीपीपी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रजा रब्बानी ने कहा कि चुनावों की तारीख छह अगस्त के बजाय 30 जुलाई कर देने से प्रचार अभियान के लिए जरूरी अवधि में जबरदस्त कमी हुई है।
रब्बानी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमारे पास चुनाव का बहिष्कार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने हमें कोई नोटिस जारी नहीं किया और ना ही उसने हमारी बात सुनी या हमें अपना विचार रखने का मौका दिया। एकतरफा निर्णय किया गया।’
पीपीपी के चुनाव का बहिष्कार करने के निर्णय से चुनाव के नतीजों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि पीएमएल-एन के उम्मीदवार ममनून हुसैन पहले ही आसानी से इस मुकाबले को जीतते हुए दिखाई दे रहे हैं। चार प्रांतीय सभाओं और संसद के दोनों सदनों को मिलाकर बनने वाले राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में पीएमएल-एन को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 26, 2013, 23:18