Last Updated: Monday, June 3, 2013, 08:39

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने आज कहा कि वे इस वर्ष के अंत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं करेंगे क्योंकि अब उनके राजनीतिक दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को देश की संसद के उपरी और निचली सदन में बहुमत प्राप्त नहीं है। देश में 11 मई को हुए ऐतिहासिक मतदान में पीपीपी बुरी तरह हार गई थी।
जरदारी ने कहा कि उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद सितंबर में होने वाले अगले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने का अब उनका अधिकार नहीं है। सितंबर 2008 में जब जरदारी राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे तो केन्द्र सहित बलुचिस्तान, खबर-पख्तूनख्वा और सिंध प्रांतों में पीपीपी और उसके सहयोगी दलों की सरकार थी। पीपीपी फिलहाल सिर्फ सिंध प्रांत में सत्ता में है और संसद के उपरी सदन या सीनेट में उसे बहुमत प्राप्त है। उसके पास जरदारी को फिर से राष्ट्रपति बनाने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है। वर्ष 2007 में पत्नी बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद जरदारी पीपीपी के प्रमुख बने।
भविष्य की अपनी योजनाओं के बारे में जरदारी ने कहा कि यदि पार्टी उन्हें प्रमुख की भूमिका में देखना चाहेगी तो वह उसका नेतृत्व स्वीकार करेंगे। पाकिस्तानी टीवी के ‘एंकरों’ के एक छोटे समूह के साथ साक्षात्कार में जरदारी ने कहा, ‘इस बार मेरे पास अधिकार नहीं हैं राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने का क्योंकि हमारे पास बहुमत नहीं है। हां वहां प्रतिद्वंद्विता होगी और वह बहुत खराब होगी।’
उन्होंने कहा, ‘इन सबके बाद यदि पीपीपी मुझे नेतृत्व के लिए स्वीकार करती है तो मैं उसका नेतृत्व स्वीकार करूंगा। वरना मैं एक कार्यकर्ता की हैसियत से काम करूंगा।’ आगामी पीएमएल-एन सरकार की प्रतिबंधित समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की योजना के संबंध में पूछे जाने पर जरदारी ने सतर्कतापूर्ण जवाब देते हुए कहा कि उग्रवादियों से बातचीत करने के बजाए ‘राजनीतिक बलों’ को साथ लेना बेहतर होगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 2, 2013, 21:56