लड़की पर हमला आतंकवाद का घृणित कार्य: कयानी

लड़की पर हमला आतंकवाद का घृणित कार्य: कयानी

लड़की पर हमला आतंकवाद का घृणित कार्य: कयानीइस्लामाबाद : तालिबान उग्रवादियों द्वारा एक किशोरी के सिर में गोली मार देने के एक दिन बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने आज लड़की पर इस हमले की निंदा की और इसे ‘आतंकवाद का घृणित कार्य’ करार दिया। कयानी ने चेतावनी दिया कि इसने ‘उग्रवादी मानसिकता’ को उजागर कर दिया है जिसका देश सामना कर रहा है। कयानी ने पेशावर में एक सैन्य अस्पताल का दौरा किया और 14 वर्षीय स्कूली छात्रा से मुलाकात की। इस लड़की को कल स्वात में तालिबान ने एक हमले में घायल कर दिया था।

बेहद शक्तिशाली समझे जाने वाले सेना प्रमुख ने इस अवसर पर उग्रवादियों को संदेश दिया कि मलाला जैसी घटना ने स्पष्ट रूप से ‘देश के द्वारा सामना की जा रही उग्रवादी मानसिकता को उजागर कर दिया है ।’ कयानी ने कहा कि उग्रवादियों ने लोगों के ‘निश्चय और लचीलेपन’ को कम करके आंका है।

उन्होंने कहा, यह समय हमारे और ज्यादा एकजुट होने तथा इस तरह की पशुवत मानसिकता के प्रचारकों और समर्थकों से संघर्ष के लिये उठ खड़े होने का है। इस बीच सेना प्रमुख ने अपनी टिप्पणियों में प्रतिबंधित संगठन तहरीके तालिबान का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया जिसने मलाला के हमले की जिम्मेदारी ली है।

कयानी ने इस हमले की निंदा करते हुये उसे ‘उग्रवाद का घृणित कार्य’ करार दिया। उन्होंने कहा कि मलाला उन मूल्यों का प्रतीक बन गई है जिसकी भविष्य की पीढियों के लिए संरक्षण करने के उद्देश्य से देश के साथ सेना संघर्ष कर रही है । उन्होंने कहा कि यह इस्लामी समाज का आंतरिक मूल्य है जो व्यक्ति के स्वतंत्रता, न्याय और समानता के सिद्धांत पर आधारित है।

कयानी ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है जब उग्रवादियों ने बच्चों को निशाना बनाया है और रावलपिंडी में एक मस्जिद पर हुये हमले का उल्लेख किया। दिसंबर 2009 में रावलपिंडी की मस्जिद पर हुये इस आत्मघाती हमले में मारे गये 40 लोगों में एक मेजर जनरल और कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बच्चे शामिल थे। मलाला इस समय पेशावर के सैन्य अस्पताल में गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती है। डाक्टरों के एक समूह ने आज सुबह तीन घंटे तक उसकी सर्जरी किया ताकि उसके रीढ़ में लगी गोली को निकाला जा सके। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 10, 2012, 19:19

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