Last Updated: Monday, November 14, 2011, 11:41
वॉशिंगटन : अमेरिकी रक्षामंत्रालय पेंटागन के एक शीर्ष कमांडर ने कहा है कि अमेरिकी सैन्य बल पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्क-ए-तोयबा पर नकेल कसने के लिए दक्षिण एशिया क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहा है जिसने मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था।
अमेरिका के प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल रॉबर्ट विलार्ड ने हवाई के होनोलुलु में संवाददाताओं से कहा, दक्षिण एशिया में भारत के चारों तरफ प्रशांत कमान का प्रयास मुंबई पर आतंकवादी हमला करने वाले लश्करे तैयबा पर नकेल कसनी है।
उन्होंने कहा, हम अपने सहयोगी देशों नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि वे अपने बूते इस आतंकवादी संगठन से निपट सकें। भारत की सेना को इस क्षेत्र में सबसे प्रभावी सेना करार देते हुए अमेरिकी कमांडर ने कहा, हमारे संबंध अब मजबूत हैं और लगातार बढ़ रहे हैं ।
एडमिरल ने जोर देकर कहा कि अमेरिकी सैनिक हिंसात्मक अतिवाद और अन्य अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से निपटना जारी रखेंगे और आने वाले समय में भारत और अन्य सहयोगियों के साथ भागीदारी बनाए रखेंगे। विलार्ड ने कहा, हमारा भारत की तीनों सेनाओं के साथ संबंध है और हम अदन की खाड़ी और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती तथा पूरे क्षेत्र में व्यापक नौवहन सुरक्षा जैसे विषयों पर एक दूसरे के साथ सहयोग करते हैं। भारत के साथ हम इस रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए आशान्वित हैं।
उन्होंने कहा, भारत के साथ संबंधों पर हम विशेष ध्यान दे रहे हैं, एक रणनीतिक भागीदारी जो दोनों देशों की सरकारों और सेनाओं के बीच आगे भी बढ़ती रहे। भारत दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र है। क्षेत्र में इसकी सबसे प्रभावी सेना है।
विलार्ड ने कहा भारतीय सेना के साथ संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के साथ हमारा रिश्ता बहुत पुराना नहीं है। हम विशेषकर शीतयुद्ध के दिनों में बहुत ज्यादा नजदीक नहीं थे। जब हमने पुन:संबंध बढ़ाने शुरू किये तो यह 1990 के दशक में किए गए परमाणु परीक्षणों की वजह से प्रभावित हुए । लेकिन अब फिर उसने गति पकड़ ली है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 15, 2011, 00:54