Last Updated: Tuesday, January 24, 2012, 08:43

वाशिंगटन : अमेरिका, टेलीविजन प्रस्तोता जे लेनो के बचाव में उतर आया है और कहा है कि 'द टूनाइट शो' के दौरान अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर का दृश्य, रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के सम्भावित उम्मीदवार मिट रोमनी के अवकाश गृह के एक व्यंग्यात्मक संदर्भ में पेश किया गया था।
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका सिखों सहित भारतीय लोगों का पूरा सम्मान करता है, लेकिन 'द टूनाइट शो' के प्रस्तोता की टिप्पणियां अभिव्यक्ति की आजादी के तहत अमेरिका में संवैधानिक रूप से संरक्षित हैं। नूलैंड ने कहा कि अमेरिका में सिख समुदाय को नाराज करने वाली विवादास्पद टिप्पणियों पर अभी तक भारत सरकार की ओर से कोई संपर्क नहीं किया गया है। अमेरिकी सिख समुदाय ने लेनो के खिलाफ एक ऑनलाइन अभियान शुरू कर दिया है।
इस मुद्दे पर अमेरिका सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर नूलैंड ने कहा कि मैं समझती हूं कि यदि हम यह कहें कि लेनो की टिप्पणियां अमेरिका में अभिव्यक्ति की आजादी के तहत संवैधानिक रूप से संरक्षित हैं, और स्पष्टरूप से कहा जाए तो वे व्यंग्यात्मक प्रकृति की लगती हैं, तो लेनो प्रशंसनीय होंगे, मैं आशा रखती हूं कि वह प्रशंसनीय होंगे। नूलैंड ने आगे कहा कि लेकिन एक आधिकारिक अमेरिकी सरकार के दृष्टिकोण से हम यहां और भारत में रह रहे सिखों सहित भारत के सभी लोगों का पूरा सम्मान करते हैं।
नूलैंड ने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव के सम्मान में समारोह आयोजित किया था। नूलैंड ने कहा कि हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है कि सिखों ने अमेरिका में बड़ा योगदान किया है। अमेरिका का दौरा कर रहे प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री व्यालार रवि ने रविवार को अमेरिका में भारतीय राजदूत निरूपमा राव से कहा था कि वह इस मुद्दे पर अमेरिकी विदेश विभाग से बात करें।
रवि ने यहां भारतीय संवाददाताओं से कहा कि यह बिल्कुल दुर्भाग्यपूर्ण और आपत्तिजनक है कि स्वर्ण मंदिर को दर्शाने के बाद इस तरह की कोई टिप्पणी की गई है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 24, 2012, 14:13