Last Updated: Sunday, March 11, 2012, 09:03
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कहा है कि वह राष्ट्रपति के खिलाफ रिश्वत के मामलों को फिर से खोलने के लिए स्विस प्रशासन से संपर्क करने का निर्देश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के अल्टीमेटम से ‘हैरत’ और ‘भ्रम’ में हैं और अपने वकील से सलाह मशविरा करने के बाद ही कोई फैसला करेंगे।
गिलानी ने साथ ही कहा कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ स्विट्जरलैंड में मामलों को फिर से खुलवाने के अदालत के पूर्व के आदेशों पर कार्रवाई नहीं करके उन्होंने अदालत की अवमानना जैसी कोई कार्रवाई नहीं की है।
पाकिस्तानी पत्रकारों के एक समूह के साथ बीती रात बातचीत में गिलानी ने कहा, ‘मैं भ्रम में हूं क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि पत्र में सुप्रीम कोर्ट मुझसे किस मामले का हवाला दिलवाना चाहता है।’ आठ मार्च के अदालत के आदेश के संबंध में किए गए सवाल पर गिलानी ने कहा, ‘मैं नियमों का पालन करता हूं , संविधान का पालन करता हूं और मुझे नहीं लगता कि मैंने कोई अवमानना की है।’
आठ मार्च को अदालत ने उन्हें राष्ट्रपति के खिलाफ मामलों को फिर से खोलने के लिए स्विस प्रशासन को पत्र लिखने को कहा था। महत्वपूर्ण बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गिलानी को अपने कानूनी सलाहकारों से सलाह मशविरा का इंतजार किए बिना तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। गिलानी ने कहा कि उन्हें हर रोज कई फाइलों पर हस्ताक्षर करने होते हैं और राष्ट्रहित में फैसले करने होते हैं ।
जरदारी के खिलाफ मामलों को फिर से खोलने के अदालत के आदेश पर कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए एक सात सदस्यीय पीठ ने गिलानी के खिलाफ अदालत की अवमानना मामले की सुनवाई की थी। वर्ष 2008 में स्विस प्रशासन ने पाकिस्तान सरकार की अपील पर जरदारी के खिलाफ छह करोड़ डालर की धन की हेराफेरी के मामले को बंद कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जरदारी के खिलाफ मामले फिर से खुलवाने के अदालत के आदेशों पर कार्रवाई करने से इनकार करने पर गिलानी को अदालत की अवमानना मामले में अ5यारोपित किया था। शीर्ष अदालत दिसंबर 2009 से मामलों को फिर से खोले जाने के लिए सरकार पर दबाव डाल रही है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 11, 2012, 14:33