Last Updated: Tuesday, November 15, 2011, 11:31
वाशिंगटन : अमेरिका ने भारत को उभरती वैश्विक शक्ति बताते हुए कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने की अभिलाषा रखने वाला एशिया का यह देश विकासशील देशों और शीतयुद्ध के बाद के दौर के गुटनिरपेक्ष आंदोलन का नेता बना हुआ है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस आकलन के साथ रणनीतिक दृष्टि से भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर बल दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत के बारे में एक बयान जारी कर कहा कि अपने आकार, जनसंख्या और रणनीतिक भौगोलिक स्थिति के चलते अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत की बात ध्यान से सुनी जाती है। इसके अलावा देश की बढ़ती आर्थिक शक्ति, सैन्य क्षमता और वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकीय क्षमता से भारत का महत्व और बढ गया है।
बयान में कहा गया है कि शीतयुद्ध के खत्म होने से भारतीय विदेश नीति में नाटकीय ढंग से बदलाव आया। भारत विकासशील दुनिया और गुटनिरपेक्ष आंदोलन :नाम: का नेता बना हुआ है। भारत अब अमेरिका, जापान, यूरोपीय संघ, ईरान, चीन और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन के साथ अपने राजनैतिक और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत कर रहा है।
बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सक्रिय सदस्य के तौर पर भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है। भारत ने 2011-12 के दौरान परिषद का अस्थायी सदस्य रहा। भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में शामिल रहा है। बयान में भारत को रणनीतिक लिहाज से अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए भारत के साथ संबंधों को मजबूत बनाने पर बल दिया गया है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 15, 2011, 17:01