Last Updated: Saturday, December 17, 2011, 12:01
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट रोकने के लिए मदद की मांग वाले कथित गुप्त ज्ञापन को सौंपने वाले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल जेम्स जोंस ने कहा है कि उनका मानना है कि दस्तावेज ‘विश्वसनीय नहीं था।’
जनरल जोंस ने उच्चतम न्यायालय में दायर हलफनामे में कहा है कि उन्होंने वह ज्ञापन अमेरिका के पूर्व सैन्य प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन को पाकिस्तान मूल के अमेरिकी उद्योगपति मंसूर एजाज की ओर से 10 मई को सौंप दिया था।
जोंस ने कहा कि एजाज ने उन्हें बताया था कि ज्ञापन में पाकिस्तान सरकार के ‘शीर्ष प्राधिकारी’ की ओर से संदेश है। हालांकि जोंस ने कहा कि वह ज्ञापन की विश्वसनीयता को लेकर प्रभावित नहीं थे और एजाज ने कभी यह नहीं कहा कि वह अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी के निर्देश पर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस ज्ञापन को मुझे एडमिरल मुलेन के पास पहुंचाने को कहा गया था उसके बारे में मुझे यह बात अजीब लगी कि पाकिस्तान सरकार में ‘शीर्ष प्राधिकारी’ नागरिक, यूरोप में रहने वाले अंशकालिक पत्रकार एजाज का इस्तेमाल अपना संदेश पहुंचाने के लिए करेगा। मेरा निजी रूप से यह मानना है कि ज्ञापन संभवत: विश्वसनीय नहीं था।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, December 17, 2011, 17:33