Last Updated: Saturday, September 22, 2012, 00:01

वाशिंगटन : पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने आज कहा कि विश्वास बहाली और छह दशकों के नकारात्मक नजरिए को पलटना ही भारत के साथ जम्मू कश्मीर सहित मुख्य मुद्दों के हल की कुंजी है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि व्यापार को सामान्य बनाने के प्रयास इसी दिशा में एक कदम है।
अमेरिका में विदेश मामलों संबंधित संस्थान में विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए खार ने कहा कि पाकिस्तान की असैन्य सरकार पिछले चार सालों से केन्द्रित मन से यह काम कर रही है। उन्होंने काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘एक बात स्पष्ट है कि हम तब तक शांति हासिल नहीं कर पायेंगे जब तक हम अपने पड़ोसियों के साथ सीमा पर शांति कायम नहीं कर लेते। लिहाजा हमे अपने उन पड़ोसी के साथ अपने रूख संबंधी सोच को बदलना होगा जिसके साथ हमारे खासतौर पर कटु संबंध रहे हैं।’
खार ने कहा कि भारत और पाकिस्तान, दोनों ने 65 साल से अधिक समय में एक दूसरे के प्रति नकारात्मक उग्र नजरिया रखा है तथा कश्मीर, सियाचिन और सर क्रीक जैसे प्रमुख मुद्दों के हल के प्रयासों की शुरूआत सोच में बदलाव के साथ होगी। पाक विदेश मंत्री ने कहा कि ‘जम्मू कश्मीर का मुख्य मुद्दा एक गंभीर समस्या है। यह किसी के दिमाग की उपज नहीं है। सियाचिन और सर क्रीक का सीमाई विवाद भी एक गंभीर समस्या है।’
उन्होंने कहा, ‘बहरहाल, कौन सा ऐसा तरीका हो सकता है जिससे हम इन समस्याओं का हल निकाल सकें। क्या यह युद्ध के जरिये होगा। क्या यह अधिक उग्रता और शत्रुता का पाठ पढ़ाकर किया जा सकता है। क्या हमें अपनी अगली पीढ़ी को वही पाठ पढ़ाना होगा जो पिछली पीढ़ियों को पढ़ाया गया। मेरा मानना है कि जवाब स्पष्ट है, नहीं।’ खार ने कहा, ‘इन मुद्दों के हल का तरीका है कि विश्वास बहाली के जरिये, सोच बदलने के जरिये। विश्वास बहाली के जरिये हम मेज पर बैठकर इन मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं और समाधान तलाश सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने पिछले चार साल में केन्द्रित मन के साथ भारत के साथ संबंध ठीक करने के प्रयास किये हैं। चालीस साल पुरानी व्यापार नीति को पलट दिया गया है और भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा देकर महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 22, 2012, 00:01