`शंघाई में टल गई थी थ्येनआनमन चौक जैसी हिंसा`

`शंघाई में टल गई थी थ्येनआनमन चौक जैसी हिंसा`

`शंघाई में टल गई थी थ्येनआनमन चौक जैसी हिंसा`बीजिंग : चीन के पूर्व प्रधानमंत्री झू रोंगजी ने कहा है कि साल 1989 में बीजिंग के थ्येनआनमन चौक पर हुए नरंसहार जैसी घटना शंघाई में भी हो सकती थी, लेकिन बड़ी सूझबूझ से प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित किया गया। उस वक्त झू शंघाई के मेयर थे। उन्होंने अपनी एक किताब में जून, 1989 में बीजिंग में सुरक्षा बलों की ओर से प्रदर्शनकारियों पर की गई बर्बर कार्रवाई के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के मकसद से उनके द्वारा दिए गए भाषणों का उल्लेख है। झू (84) की यह तीसरी पुस्तक जो कल यहां के स्टॉल पर बिकने के लिए आई। साल 1989 में बीजिंग के थ्येनआनमन चौक पर सैन्य कार्रवाई में हजारों लोग मारे गए थे।

जानकारों का भी यह कहना रहा है कि शंघाई में अगर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सैन्य कार्रवाई की गई होती तो बीजिंग जैसी भयावह स्थिति वहां भी पैदा हो सकती थी। झू के अनुसार शंघाई में प्रदर्शनकारी छात्र नेताओं ने प्रदर्शन खत्म करने के लिए दो शर्तें रखीं थीं। पहली यह कि प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सेना का इस्तेमाल नहीं होगा और दूसरी यह कि उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, हम उस वक्त के शंघाई में सीपीसी के सचिव यांग दी से विचार विमर्श करने के बाद यह बात मान गए कि सेना को नहीं लाया जाएगा। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, August 13, 2013, 20:32

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