Last Updated: Friday, May 31, 2013, 13:42

लाहौर : सर्वसम्मति से मत के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी पांच जून को होने वाले नए प्रधानमंत्री के चुनावों में पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ के खिलाफ वरिष्ठ नेता मखदूम अमीन फहीम को उतारेगी।
पूर्व संघीय मंत्री फहीम पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी पार्लियामेंट्रियन्स के अध्यक्ष हैं। चुनाव आयोग के पास पार्टी इसी नाम से पंजीकृत है। पांच जून को नेशनल असेंबली में होने वाले चुनावों में फहीम पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रत्याशी होंगे। हालांकि पीपीपी का यह कदम पीएमएल-एन के नवाज शरीफ को संसद के 342 सदस्यीय निचले सदन में प्राप्त बहुमत को प्रभावित नहीं करेगा।
पीएमएल-एन नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में शरीफ के तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव एक औपचारिकता मात्र होगी। पीपीपी ने पहले यह संकेत दिया था कि दूसरे राजनैतिक दलों के साथ सामंजस्य बैठाने की नीति को जारी रखने के लिए वह शरीफ के पक्ष में मतदान कर सकती है।
वर्ष 2008 के चुनावों में जब पीपीपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी तब उसकी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार युसूफ रजा गिलानी नेशनल असेंबली में निर्विरोध चुन लिए गए थे।
हालांकि पीपीपी के अधिकतर नेताओं का मानना था कि अगर पार्टी केंद्र में पीएमएल-एन के प्रति नरम रुख अपनाती है तो भविष्य में वह हाशिए पर जा सकती है। इन नेताओं का मानना है कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पीपीपी के समक्ष एक बड़ी चुनौती है। अगर पीपीपी अपनी सामंजस्य नीति पर बने रहते हुए एक ‘मैत्रीपूर्ण विपक्ष’ बनती है तो वह (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी) उससे केंद्र में विपक्ष की भूमिका छीन सकती है।
पीपीपी के महासचिव सरदार लतीफ खोसा ने बताया कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री चुनाव में दूसरी पार्टियों के प्रत्याशियों के लिए मैदान को खुला नहीं छोड़ रही। उन्होंने कहा, ‘मेरी पार्टी 38 सीटों के साथ नेशनल असेंबली की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है और यह दूसरी किसी पार्टी के आगे झुकने नहीं वाली है।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, May 31, 2013, 13:42