Last Updated: Wednesday, October 5, 2011, 07:54
वाशिंगटन। शिक्षा के क्षेत्र में भारत-अमेरिका आपस में सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार हो गए हैं। अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव का मानना है कि दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ने से शिक्षा क्षेत्र में जबरदस्त इजाफा होने वाला है। आगामी सप्ताह दोनों देशों के बीच शिक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर सम्मेलन होगा।
येल यूनिवर्सिटी में ‘फ्यूचर डाइरेक्शन इन इंडिया-यूएस रिलेशंस’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में निरुपमा राव ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ने के लिए तैयार है। भारत में हम शिक्षा को समेकित विकास के उद्देश्य पाने और भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने के लिए जरूरी मानते हैं। भारतीय राजदूत ने कहा कि भारत ने प्राथमिक और उच्च शिक्षा में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई अहम कदमों की घोषणा भी की है।
अगले सप्ताह 13 अक्टूबर को होने वाले इंडिया-यूएस हायर एजूकेशन समिट में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल भाग लेंगे। निरुपमा ने कहा कि यह सम्मेलन न केवल सरकारी अधिकारियों को बल्कि शिक्षाविदों और इस क्षेत्र में काम कर रहे उद्दमियों को भी करीब लाएगा। इसके अलावा यह इस क्षेत्र में हमारी संभावनाओं का खाका तैयार करने का एक मंच भी उपलब्ध कराएगा।
उन्होंने कहा कि येल यूनिवर्सिटी के भारत से ऐतिहासिक संबंध हैं। येल पहला ऐसा अमेरिकी यूनिवर्सिटी है, जहां संस्कृत की पढ़ाई शुरू हुई है। बहुत से अग्रणी भारतीय और भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक यहां से पढ़ कर निकले हैं। अमेरिका और भारत के संबंधों के बारे में भारतीय राजदूत ने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा की पिछले साल नवंबर में भारत यात्रा ने दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नए स्तर पर पहुंचाने में खासी मदद की है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 5, 2011, 22:43