शीर्ष कोर्ट का आदेश नहीं मानेगी पीपीपी - Zee News हिंदी

शीर्ष कोर्ट का आदेश नहीं मानेगी पीपीपी

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की सत्तारुढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने फैसला किया है कि वह किसी भी कीमत पर सुप्रीम कोर्ट के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से शुरू करने के आदेश का पालन नहीं करेगी।

 

पीपीपी ने साथ ही यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री को अयोग्य ठहराए जाने को लेकर किसी भी संभावित दुष्परिणाम को भुगतने के लिए तैयार हैं जो अवमानना के आरोपों का सामना कर रहे हैं। एक वरिष्ठ संघीय मंत्री ने डॉन समाचार पत्र से कहा कि यदि अदालत प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लेती है तो पीपीपी इसे स्वीकार करने के लिए तैयार है जैसा कि गिलानी ने अपने हालिया बयानों में स्पष्ट रूप से कहा है।

 

नाम नहीं बताने की शर्त पर मंत्री ने कहा कि गिलानी और पीपीपी के प्रमुख जरदारी दोनों ने ही ‘सबसे खराब का सामना करने के लिए अपना मन लिया है।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि एक चीज साफ है कि वर्तमान सरकार स्विस अधिकारियों को राष्ट्रपति जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से शुरू करने के लिये पत्र नहीं लिखेगी।’
प्रधानमंत्री के वकील एतजाज एहसान के मुताबिक, अवमानना के मामले में दोषी करार दिए जाने के बावजूद गिलानी को अपने पद से इस्तीफा नहीं देना पड़ेगा।

 

मंत्री ने कहा कि संविधान के मुताबिक, नेशनल असेंबली या संसद के निचले सदन के एक सदस्य को दोषी पाये जाने पर सदस्यता से हटने में एक लंबी प्रक्रिया का पालन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट में कल दाखिल अपने जवाब में गिलानी ने एक बार फिर से कहा कि सरकार जरदारी के खिलाफ स्विट्जरलैंड में कथित धन शोधन के मामलों को फिर से शुरू करने के उसके आदेश पर कार्रवाई नहीं करेगी क्योंकि राष्ट्रपति को देश के अंदर और बाहर छूट हासिल है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, March 21, 2012, 13:53

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