Last Updated: Friday, March 23, 2012, 09:40
कोलंबो : श्रीलंकाई मीडिया ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के प्रस्ताव पर भारत के समर्थन के चलते भारत को आड़े हाथों लिया है। मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि भारत अन्य दक्षिण एशियाई देशों को अपने साथ नहीं ले पाया इसलिये उसकी हार हुई है।
भारत अपने साथ एशिया या दक्षिण एशिया को लेने में असफल रहा है। इस तरह ऐसे देखा जाये तो श्रीलंका भारत से जीत चुका है। सरकार समर्थक समाचार पत्र ‘आईलैंड’ में यह बात कही गई है। कई समाचार पत्रों ने लिखा है कि भारत ने श्रीलंका के खिलाफ अमेरिका का साथ दिया पर चीन और रूस जैसे देशों ने श्रीलंका का ही साथ दिया।
‘आईलैंड’ के अनुसार भारत के हस्तक्षेप से प्रस्ताव में कुछ शब्दों को भी शामिल किया गया जो श्रीलंका के लिये ज्यादा स्वीकार योग्य थे। समाचार पत्र के संपादकीय पृष्ठ पर शीषर्क था, ‘एक हार जीत जैसी’’। इसमें कहा गया है कि भारत जीनीवा में अमेरिका का साथ देकर भी हारा है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के बारे में कहा गया है कि अमेरिका अब जयललिता को ढांढस बंधायेगा। सरकारी अखबार ‘डेली न्यूज’ के अनुसार जिन देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है वे विध्वंसक सोच ऱखते हैं।
वहीं एक अन्य समाचार पत्र ‘दिनामना’ ने लिखा है, ‘ अमेरिका अपनी मूंछो के कारण जीत गया’। काफी समाचार पत्रों ने भारत द्वारा इस प्रस्ताव के समर्थन को उछाला है। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 23, 2012, 15:10