Last Updated: Friday, January 20, 2012, 16:06
लाहौर : अवमानना के नोटिस पर शीर्ष न्यायालय के समक्ष पेश होने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियां अगर अपनी संवैधानिक हद में रहें तो उनके बीच कभी कोई मतभेद नहीं होगा। गिलानी ने कहा, ‘संविधान के अंतर्गत शक्ति को तीन भागों में बांटा गया है और सभी संस्थाओं को अपनी हद में रहकर काम करना है। अगर सभी संस्थाएं अपने हद में काम करें तो कोई मतभेद नहीं होगा।’
महिला विश्वविद्यालय के लाहौर महाविद्यालय में दीक्षांत समारोह से इतर गिलानी ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार न्यायपालिका का सम्मान करती है और उसके निर्णयों को मानेगी। उनसे विपक्ष द्वारा लगाए गए इस आरोप के बारे में पूछा गया था कि सरकार न्यायपालिका के साथ युद्ध की स्थिति में है। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं पाकिस्तान के संविधान और कानून के अनुसार काम कर रहा हूं।’ उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम सरकार को शर्मिंदा करना है जिसे (सरकार) ‘सहृदयता दिखानी’ है तथा अपने कार्यक्रमों और लोगों द्वारा दिए गए जनादेश के अनुसार काम करना है।
विपक्ष की ओर से मौजूदा समस्याओं को समाप्त करने के लिए जल्दी चुनाव कराने की मांग पर पूछे गए सवाल के जवाब में गिलानी ने कहा, ‘अगर चुनाव होता है तो मैं उन्हें सामने खड़े होने की चुनौती देता हूं।’ शीर्ष न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को शुरू नहीं करने के कारण न्यायालय ने गिलानी को अवमानना का नोटिस जारी किया था। गिलानी इस सिलसिले में कल न्यायालय के समक्ष पेश हुए थे।
गिलानी ने अमेरिका के साथ बातचीत करने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘उपमंत्री (अमेरिकी) के सिर्फ एक फोन पर जनरल (परवेज मुशर्रफ) ने उनकी सभी मांगें मान ली थीं। लेकिन यह 18 करोड़ जनता के समर्थन वाली चुनी गई सरकार है। जब नाटो ने हमला किया तो हमने न सिर्फ उनके सभी आपूर्ति रास्ते बंद कर दिए बल्कि उन्हें शम्सी एयरबेस भी खाली करा लिया और हम बान सम्मेलन में भी नहीं गए।’
(एजेंसी)
First Published: Friday, January 20, 2012, 21:36