Last Updated: Sunday, April 8, 2012, 18:24
लाहौर : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने रविवार को माना कि जमात उद दवा के प्रमुख हाफिज सईद का मामला पाकिस्तान और भारत के बीच एक मुद्दा है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनके देश को उसके खिलाफ अदालत में सुनवाई के लिए ठोस सबूत की जरूरत है।
गिलानी ने आज शाम यहां अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, हम सईद के मुद्दे पर गंभीर हैं लेकिन सवाल यह है कि बिना सबूत के उसके खिलाफ कैसे आगे बढ़ा जाए। यहां अदालतें स्वतंत्र हैं और हमें उसके खिलाफ ठोस सबूत की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस बात पर सहमति बनी है कि 16 अप्रैल को जब दोनों देशों के गृहसचिव मिलेंगे तब वे इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी उनसे इस मुद्दे पर सरकार के रूख के बारे में पूछ चुके हैं।
लश्कर ए तैयबा के संस्थापक सईद तब से विशेष चर्चा में है जब पिछले सप्ताह अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डालर का इनाम घोषित किया था।
गिलानी ने हाल ही में संसद में कहा है कि सईद का मामला पाकिस्तान का आतंरिक मुद्दा है ओर उसके खिलाफ कोई भी सबूत पाकिस्तान को दिया जाना चाहिए ताकि उसकी अदालत जांच कर सकें।
जब गिलानी से यह पूछा गया कि जमात उद दवा जैसे संगठन पाकिस्तान में कट्टरपंथ फैलाते हैं तो उन्होंने कहा, मैंने सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति होनी चाहिए क्योंकि यह दोनों देशों और इस क्षेत्र के हित में है।
उन्होंने कहा, मनमोहन सिंह और मैं इस क्षेत्र में स्थायित्व लाने के लिए कटिबद्ध हैं। हम शांति और स्थायित्व की दिशा में हर संभव कदम उठायेंगे। भारत के साथ व्यापार के बारे में पूछे जाने पर गिलानी ने कहा, व्यापारिक संबंध दोनों के लिए लाभदायक है। यहां तक कि चीन ने भी हमसे भारत के साथ व्यापार करने के लिए कहा है क्योंकि यह दोनों देशों के लिए अच्छा है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की अगुवाई वाली सरकार को भारत के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए विपक्ष और जनता की हामी प्राप्त है।
उन्होंने कहा, इस मामले में पर सेना को हमारे साथ होना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 8, 2012, 23:54