सत्ता में आने पर मैं होउंगा सेना प्रमुख का ‘बॉस’ : नवाज शरीफ

सत्ता में आने पर मैं होऊंगा सेना प्रमुख का ‘बॉस’ : नवाज शरीफ

सत्ता में आने पर मैं होऊंगा सेना प्रमुख का ‘बॉस’ : नवाज शरीफइस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का कहना है कि यदि 11 मई को होने वाले आम चुनाव के बाद उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह सेना प्रमुख के ‘बॉस’ होंगे। इसी सप्ताहांत होने वाले चुनाव में शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के सत्ता में आने की पूरी संभावना है। शरीफ ने संकेत दिया कि इस वर्ष नवंबर में वर्तमान सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी के सेवानिवृत होने के बाद ‘वरिष्ठतम’ अधिकारी को उनका उत्ताधिकारी चुना जाएगा।

एक टीवी शो में शरीफ ने कहा, ‘‘मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि बतौर प्रधानमंत्री मेरे कार्यकाल में नीतियां असैन्य सरकार के प्रमुख, संघीय सरकार द्वारा बनायी जाती थीं और अन्य प्रतिष्ठान उन्हें लागू करते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे जारी रखना चाहता हूं और इस संबंध में मेरे विचार स्पष्ट हैं कि सभी उनके अधिकार क्षेत्र में रहना चाहिए।’’ शरीफ से पूछा गया था कि क्या उनकी सरकार बनने के बाद भी सेना सरकार की सुरक्षा नीतियों के अलावा अमेरिका और भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों को नियंत्रित करना जारी रखेगी।

यह पूछने पर कि क्या प्रधानमंत्री सेना प्रमुख के ‘बॉस’ होंगे, शरीफ ने कहा, ‘‘वह ही हैं। सेना संघीय सरकार से जुड़ा विभाग है और स्पष्ट रूप से सेना प्रमुख संघीय सरकार के अंतर्गत काम करते हैं और संघीय सरकार की नीतियों को लागू करते हैं।’’

सवाल करने पर कि क्या वह कयानी का कार्य-विस्तार करेंगे, पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि वह कार्य-विस्तार की मांग करेंगे या फिर उन्हें और कार्य-विस्तार में कोई दिलचस्पी होगी । मैं पारंपरिक तरीके से चलूंगा, मैं उत्कृष्टता को आधार बनाउंगा। जो भी वरिष्ठतम होगा उसे ही पद संभालना होगा.. अलग वही होगा, जिसे होना चाहिए।’’ तमाम मुद्दों पर बातचीत के दौरान शरीफ ने पाकिस्तान में आतंकवाद से लड़ने के लिए वार्ता के साथ-साथ शक्ति का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके मन में पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के प्रति प्रतिशोध की भावना नहीं है लेकिन सत्ता में आने के बाद वह देश में दो बार मार्शल कानून लागू करने के लिए उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा जरूर चलाएंगे।

शरीफ ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस समस्या को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए और इस संबंध में कोई शंका नहीं है । और आप सभी समस्याओं को गोली-बंदूक की जोर पर नहीं सुलझा सकते हैं, आपको अन्य विकल्प भी खंगालने होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बातचीत का विकल्प है, हो सकता है वे विकल्प कारगर हों, विभिन्न देशों में बातचीत से समस्याएं सुलझायी गई हैं... मुझे लगता है कि सभी विकल्पों को आजमाना चाहिए।’’ शरीफ ने कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान के भीतर और बाहर के सभी पक्षों को आमंत्रित कर हमें एक-दूसरे की चिंताएं सुननी चाहिए, उनपर विचार करना चाहिए और उनके समाधान के लिए राह खोजनी चाहिए।

मुशर्रफ के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके मन में व्यक्तिगत प्रतिशोध की कोई भावना नहीं है । शरीफ ने कहा, ‘‘उन्होंने पाकिस्तान में दो बार मार्शल लॉ लगाए हैं.. एक वर्ष 1999 में और दूसरा नवंबर 2007 में। उन्होंने संविधान को निरस्त कर दिया, न्यायाधीशों को बख्रास्त किया और संसद को असंवैधानिक तरीके से भंग किया। मुझे लगता है कि उन्हें इन सबका मोल चुकाना होगा।’’ आर्थिक स्थिति सुधारने की योजनाओं के संबंध में शरीफ ने कहा कि वह थार के कोयला खदानों के कोयले से बिजली बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय निविदा आमंत्रित करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय उद्योगपति इस कोयले से बिजली बना रहे हैं। भारत में वह इस कोयले का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए कर रहे हैं । हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते ? मुझे लगता है कि हम इसके लिए अंतरराष्ट्रीय निविदा आमंत्रित करेंगे, हो सकता है भारतीय उद्योगपति भी पाकिस्तान के थार के कोयला क्षेत्र में निवेश के लिए सामने आ जाएं। हमें उनका स्वागत करने में खुशी होगी।’’ (एजेंसी)


First Published: Monday, May 6, 2013, 20:00

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