Last Updated: Thursday, May 2, 2013, 12:48

लाहौर/इस्लामाबाद : पाकिस्तान की पुलिस ने लाहौर की कोट लखपत जेल में भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह पर हमला करने वाले दो कैदियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया है।
लाहौर पुलिस ने दोनों कैदियों आमिर आफताब उर्फ आमिर तांबेवाला तथा मुदस्सर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में हत्या का मामला शामिल किया है।
कोट लखपत थाने के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि सरबजीत की मौत के बाद दोनों कैदियों आफताब और मुदस्सर के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302 लगाई गई है।
सरबजीत पर हुए हमले के मामले में पुलिस की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। दोनों हमलावर कैदियों के बयान रिकार्ड कर लिए गए हैं, लेकिन पुलिस ने अब तब इनके खिलाफ अदालत में ‘चालान’ (आरोप पत्र) दायर नहीं किया है।
पुलिस उन हथियारों का पता नहीं लगा पाई है जिनसे सरबजीत सिंह पर हमला किया गया था। सरबजीत का कल देर रात लाहौर के जिन्ना अस्पताल में निधन हो गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच अधिकारी आज फिर से कोट लखपत जेल का दौरा करेंगे और इस नए घटनाक्रम के मद्देनजर आरोपियों से पूछताछ करेंगे।
पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने पहले जांच अधिकारियों को बताया था कि वे सरबजीत को मारना चाहते थे कि क्योंकि वह उन बम हमलों में कथित तौर पर शामिल था जिनमें निर्दोष पाकिस्तानी मारे गए थे। आरोपियों ने डीआईजी (कारागार) मलिक मुबशिर के नेतृत्व वाले जांच दल के समक्ष भी यही बयान दिया है। भारतीय उच्चायुक्त शरत सबरवाल पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नजम सेठी से आज दोपहर मुलाकात कर सकते हैं। सबरवाल लाहौर में ही हैं।
सरबजीत को वर्ष 1990 में पंजाब प्रांत में हुए कई बम विस्फोटों में कथित रूप से उनकी संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया गया था। इस हमले में 14 लोग मारे गए थे । सरबजीत ने पाकिस्तानी जेलों में तकरीबन 22 साल बिताए।
अदालतों तथा पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने उनकी दया याचिकाओं को ठुकरा दिया था।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की अगुवाई वाली पिछली सरकार ने वर्ष 2008 में सरबजीत की फांसी पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी थी।
सरबजीत के परिवार का कहना है कि वह गलत शिनाख्त का शिकार हुआ और नशे की हालत में वह गलती से सीमा पार कर गया था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 2, 2013, 12:48