Last Updated: Saturday, April 20, 2013, 00:19

लंदन : भारतीय दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार की मौत के मामले में चल रही तहकीकात शुक्रवार को उस वक्त पूरी हुई जब एक ज्यूरी ने एकमत से फैसला सुनाया कि उनकी मौत ‘चिकित्सीय दुर्घटना’ के कारण हुई।
गैलवे कोर्टहाउस में दिये गये इस फैसले में कहा गया है कि 31 वर्षीय दिवंगत सविता की देखभाल में कमियां थीं या देखभाल की व्यवस्था विफल रही। जांच अधिकारी डॉ. कियार्न मैकलोग्लीन ने सविता के पति प्रवीण हलप्पनवार से कहा कि आपने अपनी पत्नी के लिये बेमिसाल प्यार और श्रद्धा दिखायी। पूरे आयरलैंड की निगाह इस मामले पर थी। उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल काउंसिल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कब एक डॉक्टर किसी मां की जिंदगी बचाने के लिये हस्तक्षेप कर सकता है, जिससे डॉक्टर के दिमाग से संदेह और डर दूर हो सके।
फैसला सुनाने वाली ज्यूरी ने कियार्न द्वारा की गयी सभी 9 सिफारिशें भी मंजूर कर लीं। गौरतलब है कि पिछले साल अक्तूबर में सविता की उस वक्त मौत हो गई थी जब गैलवे यूनिवर्सिटी हास्पिटल के चिकित्सकों ने स्थानीय कानून का हवाला देकर उनका गर्भपात करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि भ्रूण में अभी भी धड़कन मौजूद है और यह एक कैथोलिक देश है, जिसके कारण ऐसी सूरत में गर्भपात नहीं किया जा सकता।
इससे पहले आज दिन में सविता के पति प्रवीण हलप्पनवार ने कहा कि मैं अब भी आशावान हूं। यह सवाल मेरे दिमाग में हमेशा रहता है कि सविता की मौत क्यों हुई। यह मेरे लिए बहुत कठिन रहा है। आज हमारी शादी की सालगिरह थी, ऐसे में यह मेरे लिए और कष्टकारी है। उन्होंने गैलवे कोर्टहाउस के बाहर संवाददाताओं से कहा कि, उम्मीद करता हूं कि अच्छे दिन आने वाले हैं और कुछ अच्छा सामने आएगा। इस हफ्ते मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य ऑब्सटेट्रिशियन पीटर बोयलान ने कहा कि अगर आयरलैंड के कानून गर्भपात की इजाजत देते तो सविता शायद अभी जिंदा होती। (एजेंसी)
First Published: Saturday, April 20, 2013, 00:19