Last Updated: Wednesday, April 10, 2013, 21:22

लंदन : भारतीय दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार की चिकित्सक ने माना कि गैलवे यूनिवर्सिटी हास्पिटल में सविता के इलाज के दौरान कई प्रक्रियागत खामियां थीं । 17 सप्ताह की गर्भवती भारतीय दंत चिकित्सक की गर्भपात से मना करने के कारण पिछले वर्ष अक्तूबर में इसी अस्पताल में मौत हो गई थी ।
आयरलैंड के गैलवे अदालत में सविता की मौत के मामले में चल रही तहकीकात के दौरान डॉक्टर कैथरीन एस्टबरी ने बताया कि उसे रक्त परीक्षण की असामान्य स्थिति के संबंध में जानकारी नहीं थी । उन्होंने कहा कि भ्रूण झिल्ली फटने के बाद मरीज की हालत की जांच ज्यादा ढंग से की जानी चाहिए थी ।
आयरिश मीडिया की खबरों के अनुसार, कोरोनर किआरन मैकलॉगलिन ने जब चिकित्सक से पूछा कि क्या सविता के इलाज का यह पहलू व्यवस्था की खामी है ।
डॉक्टर एस्टबरी ने कहा, ‘‘हां ।’’ 31 वर्षीय सविता ने 24 अक्तूबर 2012 को एक मृत शिशु को जन्म दिया और उसके चार दिन बाद ईकोलाई से हुए सेप्टिसीमिया के कारण दिल का दौरा पड़ने से सविता की मौत हो गई थी।
‘‘आयरलैंड के कैथोलिक देश होने के कारण’ सविता का गर्भपात करने से इंकार करने की आरोपी डॉक्टर एस्टबरी ने कहा कि उन्होंने मना किया क्योंकि मरीज की जान को कोई खतरा नहीं था ।
जिरह के दौरान डॉक्टर ने कहा, ‘‘वह ठीक थी । उसकी जान को कोई खतरा नहीं था । यदि आप किसी को बच्चे को जन्म दे देने के लिए दवा दे रहे हैं और भ्रूण में धड़कन है तो कानूनी तौर पर इसे गर्भपात ही माना जाता है ।’’ उन्होंने पूरी बातचीत में कैथोलिक धर्म का जिक्र होने की बात से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने धर्म का जिक्र ही नहीं किया था लेकिन यह जरूर कहा था कि भ्रूण में अभी भी जान होने के कारण इस देश में मैं इसका गर्भपात नहीं कर सकती। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 10, 2013, 21:22