ससुराल में प्रणब के स्वागत की तैयारियां जोरों पर

ससुराल में प्रणब के स्वागत की तैयारियां जोरों पर

ससुराल में प्रणब के स्वागत की तैयारियां जोरों परनारैल (बांग्लादेश) : बांग्लादेश के नारैल जिले में चित्रा नदी के किनारे बसे भद्रबिला गांव ने अपने दामाद और भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वागत के लिए जोर शोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं। राष्ट्रपति अपनी पत्नी सुवरा के साथ कल सुबह पहली बार अपने ससुराल जाएंगे। प्रणब के आने की सूचना मिलते ही पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल पैदा हो गया है। उनकी यात्रा से पहले जिला प्रशासन ने उनके सास ससुर के पुश्तैनी घर को सजा दिया है और नारैल शहर में स्थित जिला मुख्यालय को भद्रबिला से जोडने वाली आठ किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत की गई है।

प्रणब ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल को बताया कि हालांकि उनकी पत्नी और बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी 1995 में पहले भी भद्रबिला जा चुकी हैं लेकिन उन्हें पहले कभी अपने ससुराल जाने का मौका नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की यात्रा उनके लिए घर आने की तरह है और उन्होंने गत वर्ष अगस्त में देश का शीर्ष संवैधानिक पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए जान बूझ कर बांग्लादेश को चुना।

प्रणब की यात्रा को लेकर भद्रिबाला निवासी बहुत उत्साहित हैं। गांव के एक निवासी काजी रकीब ने कहा, ‘यह बहुत खुशी की बात है कि हमारे दामाद प्रणब मुखर्जी हमारे गांव आएंगे। हम उनका गर्मजोशी से स्वागत करेंगे।’ नारैल के उपायुक्त मोहम्मद जोहिरुल हक ने बताया कि राष्ट्रपति संभवत: अपने ससुर के पुश्तैनी घर में करीब एक घंटे तक रुकेंगे और फिर वह कुशिथा जिले में शेलाईदाह का भी दौरा करेंगे जो महान कवि रविन्द्रनाथ टैगोर की पुश्तैनी जायदाद है। इसी घर में रविन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी कई महान कविताएं, लघु कहानियां और निबंध लिखे हैं ।

जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि प्रणब और उनकी पत्नी का हेलीकाप्टर नारैल शहर में बालकों के सरकारी हाई स्कूल के मैदान में उतरेगा जहां से उन्हें भद्रबिला ले जाया जाएगा। सुवरा का जन्म इसी गांव में हुआ था। उनकी चार बहनों और चार भाइयों में से एक भाई केनाई लाल घोष को छोडकर उनका पूरा परिवार 1952 में भारत आ गया था। (एजेंसी)

First Published: Monday, March 4, 2013, 12:58

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