Last Updated: Monday, April 23, 2012, 09:56
इस्लामाबाद : पाकिस्तान दक्षिणी बंदरगाह शहर कराची में दो तटीय परमाणु उर्जा संयंत्रों के निर्माण की योजना बना रहा है। इन दोनों संयंत्रों में से प्रत्येक की क्षमता 1,000 मेगावाट होगी। इन संयंत्रों का निर्माण कराची में भविष्य की उर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार पाकिस्तान परमाणु उर्जा आयोग (पीएईसी) के एक अनाम अधिकारी ने कहा, राष्ट्रपति कार्यालय और सैन्य मुख्यालय इन परियोजनाओं में गहरी रूचि दिखा रहा है। अगले बजट में इन परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धन आवंटित हो सकता है।
इस अनाम अधिकारी ने कहा, इस समय हम परमाणु उर्जा संयंत्रों के संभावित स्थलों वाले तटीय क्षेत्र का भूकंप संबंधी सर्वेक्षण कर रहे हैं। कराची में पहले से एक बहुत पुराना परमाणु उर्जा संयंत्र है जिसकी क्षमता 80 मेगावाट है। इन नये संयंत्रों को सीएनपीपी-1 और सीएनपीपी-2 के नाम से जाना जाएगा।
इसके अलावा पंजाब प्रांत में मुजफ्फरगढ़ से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ताउंसा पुंजनाद नहर पर भी चार परमाणु उर्जा संयंत्रों के निर्माण की योजना है। इनकी क्षमता 1,000 मेगावाट होगी।
तीसरे और चौथे चश्मा परमाणु उर्जा संयंत्रों पर काम जारी है। चश्मा परमाणु उर्जा संयंत्र-3 2016 तक काम करना शुरू कर देगा, वहीं चश्मा परमाणु उर्जा संयंत्र-4 में 2017 तक उत्पादन शुरू हो जाएगा।
दुनिया भर में हुई तीखी आलोचनाओं के बावजूद पाकिस्तान ने चीन के साथ अपना असैन्य परमाणु सहयोग बढ़ाया है। चीन ने पाकिस्तान को कई परमाणु उर्जा संयंत्रों की आपूर्ति की पेशकश की थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 23, 2012, 15:26