Last Updated: Monday, October 29, 2012, 14:43
सिडनी : आस्ट्रेलिया में एक सांसद ने नवम्बर 1984 में भारत में भड़के सिख विरोधी दंगों को भयानक हिंसा करार देने की आस्ट्रेलिया सरकार से मांग करते हुए संसद में एक `नरसंहार प्रस्ताव` पेश करने का निर्णय लिया है। ये दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए थे।
सिख सुरक्षाकर्मियों द्वारा 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद राजधानी नई दिल्ली में तीन दिनों तक चले दंगों में कम से कम 3,000 सिख मारे गए थे। सुप्रीम सिख काउंसिल ऑफ आस्ट्रेलिया की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आस्ट्रेलियाई संघीय संसद के सदस्य, वॉरेन एंटस आस्ट्रेलियाई संसद में `नरसंहार प्रस्ताव` पेश करेंगे। यह प्रस्ताव पहली नवम्बर को स्थगन बहस के दौरान हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में पेश किया जाएगा।
प्रस्ताव में आस्ट्रेलियाई सरकार से इस तथ्य को मान्यता देने की मांग की जाएगी कि नवम्बर 1984 में सिख समुदाय के खिलाफ भयानक हिंसा का एक संगठित अभियान चला था, और उस दौरान हुई हत्याएं नरसंहार के प्रतिशेध एवं दंड सम्बंधी संयुक्त राष्ट्र के समझौते के तहत `नरसंहार` थीं। मौजूदा समय में लिबरल पार्टी ऑफ आस्ट्रेलिया के मुख्य विपक्षी सचेतक वॉरेन ने कहा कि उन्होंने इसलिए इस प्रस्ताव का समर्थन करने का निर्णय लिया, क्योंकि सिखों के साथ अतीत में हुए और वर्तमान में हो रहे बर्ताव से वह भयभीत हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 29, 2012, 14:43