Last Updated: Friday, December 2, 2011, 03:35
लंदन : पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय मूल के अमेरिकी चिकित्सक सिद्धार्थ मुखर्जी की झोली में साहित्य का एक और पुरस्कार आ गया है। उन्हें कैंसर की ‘जीवनी’ ‘द एम्परर ऑफ ऑल मेलोडीज’ के लिए ‘गार्जियन फर्स्ट बुक’ अवार्ड दिया गया है।
किताब 500 ईसा पूर्व स्तन कैंसर की शल्य चिकित्सा से लेकर आज तक कैंसर के बारे में हुए अनुसंधान पर प्रकाश डालती है। सूची में यह एक मात्र गैर काल्पनिक शीषर्क था जिसने चार उपन्यासों को पीछे छोड़ते हुए 10 हजार पाउंड का पुरस्कार प्राप्त किया है।
गार्जियन रिव्यू के संपादक और निर्णायक मंडल की अध्यक्ष लीसा एलार्डिस ने कहा कि ‘एक बीमारी का मानवीकरण’ मुखर्जी की किताब की उल्लेखनीय और असामान्य उपलब्धि है । मुखर्जी कोलंबिया विश्वविद्यालय के मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं। एलार्डिस ने कहा कि जबर्दस्त अनुसंधान पर आधारित पहले उपन्यास और पहली किताब के बीच अंतिम निर्णय पर पहुंचना काफी मुश्किल था लेकिन अंत में मुखर्जी की रचना अधिक वास्तविक लगी।
पुरस्कार की दौड़ में चार अन्य किताबें, पिजन इंगलिश (स्टीफन केलमन), डाउन द रैबिट होल (जुआन पाबलो विलालोबोस), द कोलैबोरेटर (मिर्जा वहीद) और द सबमिशन (एमी वलडमैन) शामिल थीं। एक दूसरी किताब लिख रहे मुखर्जी ने कहा कि गार्जियन पुरस्कार जीतना एक महान और अलग सम्मान है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 2, 2011, 14:01