सीमा पर हवाई सुरक्षा उपकरण लगाएगा पाक - Zee News हिंदी

सीमा पर हवाई सुरक्षा उपकरण लगाएगा पाक



इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने फैसला किया है कि वह अफगानिस्तान से लगती अपनी सीमा पर ऐसे हवाई सुरक्षा उपकरण तैनात करेगा जिनसे नाटो और उसके मित्र बलों के किसी ताजा हमले से बचाव किया जा सके।

 

मीडिया में आई एक रिपोर्ट के अनुसार यह व्यवस्था नाटो के उस विमान हमले की पृष्ठभूमि में की जा रही है जिसमें पाकिस्तान के 24 सैनिक मारे गए थे। पाकिस्तान के सैन्य संचालन के प्रभारी महानिदेशक मेजर जनरल अश्फाक नदीम अहमद ने कल ब्रीफिंग के दौरान संघीय कैबिनेट और सीनेट की स्थायी समिति के समक्ष कहा कि हवाई सुरक्षा उपकरण तैनात करने का यह फैसला हवाई हमलों से अपनी पश्चिमी सीमाओं की सुरक्षा के लिए की गई समीक्षा के बाद किया गया है।
ऐसी ही एक ब्रीफिंग में मौजूद रहे एक अधिकारी ने अखबार ‘डान’ को बताया कि मोहमंद एजेंसी की दो सैनिक चौकियों पर 26 नवंबर के नाटो हमले के बाद हमें हमारी पश्चिमी सीमा पर हमले होने की आशंका है । इसलिए उस क्षेत्र में हवाई सुरक्षा उपकरण तैनात करने का फैसला किया गया है । इस हमले के बाद से पाकिस्तान ने नाटो के सभी आपूर्ति मार्गों को बंद कर दिया था और अमेरिका से आगामी 11 दिसंबर तक शम्सी वायुसैनिक अड्डा खाली कर देने के लिए कहा था।

 

अहमद ने बताया कि सेनाध्यक्ष जनरल अशफाक परवेज कयानी ने सैनिकों को इस बात की पूरी आजादी दे दी है कि आइंदा होने वाले हमलों का वे मुंहतोड़ जवाब दें और इसके लिए उन्हें आला कमान से किसी पूर्वानुमति की जरूरत नहीं है। जाअहमद ने बताया कि पाकिस्तान की सीमा चौकियों पर इस समय हल्के हथियार तैनात हैं जो घुसपैंठियों से निपटने के लिए सही हैं। इसके अलावा यहां बंकर बनाए गए हैं । उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी और नाटो बलों के बीच समन्वय तंत्र का ‘पूरी तरह उल्लंघन’ हुआ है और यह मानने के कई कारण हैं कि ये हवाई हमले ‘गलती से नहीं बल्कि सुनियोजित ढंग से’ किए गए।

 
अहमद ने बताया कि पाकिस्तान ने सीमा समन्वय केंद्रों पर तैनात अपने 31 अधिकारियों में से 19 को विचार विमर्श के लिए बुला लिया है। ब्रीफिंग में मौजूद रहे एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अहमद ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल के कमांडर जनरल जान एलन ने 26 नवंबर को कयानी से भेंट की थी। यह भेंट सीमा चौकी पर हुए नाटो विमान हमले से कुछ ही घंटे पहले हुई थी। उन्होंने बताया कि जब अगले दिन एलन से इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने इस बारे में अनभिज्ञता जताई।

 
अहमद के हवाले से कहा गया कि एलन के अनुसार ऐसे किसी हमले की कोई योजना नहीं थी। इससे इस बात की गुंजाइश बनती है कि सीआईए और विशेष अभियान दस्ता अपनी ओर से ही इस तरह के अभियान अंजाम देते हैं और इनके बारे में नाटो और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल को जानकारी तक नहीं होती। (एजेंसी)

 

First Published: Friday, December 9, 2011, 13:30

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