सेना की निगरानी में चुनाव चाहता है पाक चुनाव आयोग

सेना की निगरानी में चुनाव चाहता है पाक चुनाव आयोग

सेना की निगरानी में चुनाव चाहता है पाक चुनाव आयोग इस्लामाबाद: पाकिस्तान में आगामी आम चुनाव सेना की निगरानी में कराया जा सकता है।

पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त फखरूद्दीन इब्राहीम ने सुझाव दिया है कि देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आम चुनाव पूरी तरह से सेना की निगरानी में कराया जाना चाहिए।

चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुलाई गई वरिष्ठ संघीय और प्रांतीय अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए इब्राहीम ने सुझाव दिया कि मतदान केंद्रों पर सशस्त्र सैनिकों को तैनात किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नतीजों के एलान तक मतदान केंद्रों पर सैनिकों की तैनाती रहनी चाहिए। पाकिस्तान में इस साल अप्रैल या मई में आम चुनाव हो सकते हैं।

चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने कई बैठकें की हैं, लेकिन यह पहली बार था कि सुरक्षा हालात को लेकर बैठक बुलाई गई थी।

इब्राहीम ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए। सबसे बड़ी समस्या कानून-व्यवस्था को बरकरार रखना है। उन्होंने कहा कि अगर कानून-व्यवस्था बरकरार रहती है तो इसकी कोई वजह नहीं है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष संपन्न नहीं हो।

इब्राहीम ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि चुनाव प्रक्रिया में सेना का पूरा सहयोग रहेगा। चुनाव आयोग की ओर से बुलाई गई बैठक में रक्षा सचिव, गृह सचिव, फंट्रियर कार्प एवं पाकिस्तान रेंजर्स के प्रमुख तथा चार प्रांतों के मुख्य सचिव शामिल हुए।

पाकिस्तानी निर्वाचन आयोग मतदान को लेकर सभी संबंधित पक्षों से विचार विमर्श करके समग्र सुरक्षा योजना तैयार करेगा।

आयोग ने सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था बरकरार रखने को लेकर सुझाव दें। सरकार की ओर से अभी चुनाव तिथियों का एलान नहीं किया गया है। मौजूदा सरकार का पांच वषरें का कार्यकाल 16 मार्च को पूरा हो रहा है। सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने कहा है कि चुनाव 16 मई से पहले होंगे। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 2, 2013, 15:46

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