Last Updated: Wednesday, January 25, 2012, 17:53

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को सेना और अपनी सरकार के बीच टकराव को पीछे छोड़ने का इरादा जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ विशेष परिस्थितियों में सेना एवं खुफिया प्रमुखों के कदमों की आलोचना की थी और अब वह स्थिति नहीं है।
सेना और आईएसआई प्रमुखों के खिलाफ अपनी टिप्पणी का हवाला देते हुए गिलानी ने कहा, यह टिप्पणी उस वक्त की गई थी, जब एक साथ कई घटनाक्रम चल रहे थे और कई सरकारी कामकाज एक दूसरे के आड़े आ रहे थे। उन्होंने विश्व आर्थिक मंच की बैठक के लिए दावोस रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, अब ऐसा नहीं है। वो टिप्पणी असंवैधानिक व्यवहार अथवा सेना प्रमुख और आईएसआई प्रमुख के लिए बने नियमों के खिलाफ जाने पर थी। अब स्थिति स्पष्ट है और हम सभी ने मुलाकात की है। गिलानी ने कहा, जब संस्थाओं के बीच टकराव होगा तो देश आगे नहीं बढ़ सकता। राष्ट्रीय हित के लिए भी हमें एक साथ रहना होगा।
गिलानी ने कहा, मेमोगेट मुद्दे को लेकर कुछ सरकारी पदाधिकारियों द्वारा कमजोरी बरती गई। मैंने ऐसे लोगों के खिलाफ कदम उठाया है। अब पूरी स्थिति स्पष्ट है और किसी तरह का गतिरोध नहीं है। प्रधानमंत्री गिलानी ने उन पदाधिकारियों के नाम नहीं लिए, जिनके खिलाफ उन्होंने कार्रवाई की है, हालांकि उनका इशारा पूर्व रक्षा सचिव खालिद नईम लोदी की ओर था। गिलानी ने मेमोगेट विवाद के संदर्भ में लोदी को इस महीने की शुरुआत में ही बर्खास्त कर दिया था।
बीते नौ जनवरी को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा था कि मेमोगेट मामले में उच्चतम न्यायालय में हलफनामा सौंपते समय सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी और आईएसआई प्रमुख जनरल अहमद शूजा पाशा ने असंवैधानिक एवं अवैध ढंग से काम किया था। उनके इस बयान के बाद सेना और असैन्य सरकार के बीच़ सीधे टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी और तख्तापलट की भी आशंका लगाई जाने लगी थी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 25, 2012, 23:23