Last Updated: Tuesday, September 3, 2013, 20:43
लंदन : ब्रिटेन में नाबालिग सिख किशोरियां एशियाई लोगों के एक समूह द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार हो रही है और अधिक चिंताजनक बात यह है कि वे इस प्रकार के मामलों की प्रशासन को रिपोर्ट करने में भी हिचक रही हैं। बीबीसी द्वारा की गयी एक जांच में खुलासा हुआ है कि कई मामलों में इन एशियाई लोगों ने किशोरियों को यह भरोसा दिलाया कि वे सिख हैं और इस आड़ में उनका भरोसा जीता।
बीबीसी के ‘इनसाइड आउट’ कार्यक्रम में बताया गया, अपने परिवारों की बदनामी होने के डर से ये किशोरियां इस प्रकार के मामलों की सूचना प्रशासन या परिवार किसी को नहीं देतीं और अक्सर ऐसे मामलों में उन्हें घर छोड़ना पड़ता है।’ रिपोर्टर क्रिस रोजर्स एक 16 वर्षीय ब्रिटिश सिख किशोरी से मुलाकात के लिए अमेरिका के एक दूरवर्ती इलाके में गए। इस किशोरी का मुस्लिम युवकों के एक समूह ने लंबी अवधि तक यौन शोषण किया यह किशोरी उन दर्जनों ब्रिटिश सिख किशोरियों में से एक थी जो उनके राज को छुपाने के लिए विदेश में रह रही हैं।
परिवार कल्याण मामलों को देखने वाली द सिख एवेयरनेस सोसायटी यूके (एसएएस) ने दावा किया है कि उसने पांच साल की अवधि में ब्रिटेन में बाल यौन शोषण की 200 से अधिक रिपोर्ट की जांच की है। हालांकि इस दावे की पुष्टि के लिए कोई आधिकारिक आंकड़ें उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि नाबालिग सिख किशोरियों के यौन उत्पीड़न के मामले दुर्लभ ही प्रशासन को रिपोर्ट किए जाते हैं।
ब्रिटेन में ‘सैक्सुअल ग्रूमिंग’ का अर्थ होता है किसी नाबालिग से भावनात्मक रिश्ता कायम कर और उसके साथ दोस्ती कर उसका यौन शोषण या श्रम शोषण करना है। पिछले सप्ताह एक सिख किशोरी से बाल वेश्यावृत्ति करवाने में शामिल छह लोगों को लिसेस्टर क्राउन कोर्ट ने जेल की सजा सुनायी थी। इनमें दो भारतीय मूल के लोग भी थे। बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिटेन में इस मामले को कानूनी दृष्टि से मील का पत्थर माना जा रहा है क्योंकि यौन उत्पीड़न की शिकार किसी सिख किशोरी का यह पहला हाई प्रोफाइल मामला है जिसमें ब्रिटेन मंन किसी को दोषी ठहराया गया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 3, 2013, 20:43