Last Updated: Wednesday, January 4, 2012, 13:33

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कराची के अशांत क्षेत्र में सैन्य अदालतें स्थापित करने के सुझाव का विरोध किया है। इससे पहले गिलानी ने सेना को नागरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने को कहा था।
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के अनुसार मंगलवार को गिलानी ने पूर्व प्रधानमंत्री एवं विपक्ष के नेता नवाज शरीफ के इस सुझाव की आलोचना की थी।
शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) का हवाला देते हुए गिलानी ने नेशनल असेंबली में कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह कैसे हो सकता है? यह पीएमएल-एन का दोहरा चरित्र है। लोकतंत्र में ऐसे अदालतों की कोई गुंजाइश नहीं है। सेना को हमेशा पर्दे के पीछे रखना चाहिए।
एजेंसी के अनुसार गिलानी ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की समस्या होने पर ही सेना को बुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी अदालतें स्थापित हो जाएंगी तो लोकतंत्र एवं तानाशाही में क्या अंतर रह जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 4, 2012, 20:03