Last Updated: Monday, March 11, 2013, 16:59

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी को चेतावनी दी कि अगर वह तीन सप्ताह के भीतर अदालत में पेश नहीं होते हैं तो उनका पासपोर्ट रद्द करने का आदेश जारी कर दिया जाएगा।
हक्कानी को एक संदिग्ध ज्ञापन की जांच के मामले में अदालत के समक्ष पेश होना है। इस ज्ञापन में सैन्य सत्ता परिवर्तन को रोकने के लिए कथित रूप से अमेरिकी मदद मांगी गई थी।
मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली नौ जजों की पीठ ने हक्कानी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट मांगी थी।
पीठ ने उसे तीन सप्ताह के भीतर पेश होने का आखिरी मौका दिया है।
फिलहाल हक्कानी अमेरिका में हैं और जेहादी समूहों और आतंकियों का समर्थन करने वाले ‘शासन प्रणाली में मौजूद तत्वों’ से खतरे के चलते उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पेश होने से इंकार कर दिया है।
हक्कानी की वकील अस्मा जहांगीर ने कहा कि हक्कानी को ‘प्रक्रिया पूरी करने का अधिकार नहीं दिया गया।’ जारी
लांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हक्कानी पाकिस्तान नहीं लौटे तो वह उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेंगे। इसमें उनका पासपोर्ट रद्द कराना शामिल है।
यह पीठ एक विवादास्पद ज्ञापन के मामले की सुनवाई कर रहा था, जो कि कथित रूप से हक्कानी द्वारा अमेरिका के पूर्व सैन्य प्रमुख एडमिरल माईक मुलेन को भेजा गया था। इस ज्ञापन में मई 2011 में अमेरिकी छापेमारी में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद पाकिस्तानी सरकार के तख्तापलट की संभावना को रोकने के लिए अमेरिकी हस्तक्षेप की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित एक आयोग ने पिछले साल यह निष्कर्ष निकाला कि इस संदिग्ध ज्ञापन के लिए हक्कानी जिम्मेदार है। इस ज्ञापन को विवादग्रस्त पाकिस्तानी अमेरिकी उद्यमी मंसूर इजाज़ ने सार्वजनिक कर दिया था।
पिछले माह सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गृह सचिव ख्वाजा सिद्दीक अकबर को निर्देश दिए हैं कि हक्कानी को पाकिस्तान लौटने के लिए पुख्ता सुरक्षा मुहैया कराई जाए। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 11, 2013, 16:59