हज यात्रियों ने शैतान को पत्थर मारे, जियारत की

हज यात्रियों ने शैतान को पत्थर मारे, जियारत की

जेद्दा : जुबल अल रहम की पहाड़ी (माउंटेन ऑफ मर्सी) पर एक दिन बिताने के बाद कई भारतीयों समेत लाखों मुस्लिम हज यात्री शुक्रवार को मीना शहर की ओर लौट आए जहां वे हज के दौरान शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदा करेंगे।

मुजदलिफाह कस्बे से रात में लौटने के दौरान इकट्ठा किए गए पत्थर के साथ हज यात्रियों के विशाल जत्थे आज सुबह मीना शहर पहुंचना शुरू हो गए हैं। अपने शिविरों की ओर जा रहे लोगों के कारण शहर की सड़कों पर जाम लग रहा है।

श्रद्धालुओं की विशाल भीड़ ने रस्म अदा करना शुरू कर दिया है जिसके तहत शैतान के प्रतीक माने जाने वाले खंभों पर पत्थर फेंके जाते हैं। यह रस्म अगले दो दिनों तक जारी रहेगी जबकि हज यात्री अपनी यात्रा पूरी करेंगे।

अनुयायियों ने पैगंबर इब्राहिम द्वारा अल्लाह के नाम पर अपने बेटे इस्माइल के कुर्बानी की याद में आज पशुओं की बलि दी जबकि विश्व के कई हिस्सों में मुसलमानों ने आज ईद उल अजहा का त्योहार परंपरागत तरीके से मनाया।

पांच दिवसीय हज यात्रा की शुरुआत 24 अक्तूबर को हुई थी जिसमें हिस्सा लेने के लिए विश्व के कोने-कोने से लाखों हज यात्री मक्का पहुंचे हैं। इस साल भारत से करीब 17 लाख हज यात्री यहां आए हैं।

‘अरब न्यूज’ समाचार पत्र ने लखनउ से आए हज यात्री रईस नोमानी के हवाले से कहा, मैं वास्तव में पहली बार अराफात की पहाड़ी पर उपस्थित होने के अनुभव को बयां नहीं कर सकता। यह जबर्दस्त (अनुभव) है। (एजेंसी)

First Published: Friday, October 26, 2012, 18:59

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