Last Updated: Wednesday, April 11, 2012, 12:26
वाशिंगटन : सुमात्रा के तट पर बुधवार को आए जबर्दस्त भूकंप के बाद अमेरिकी निगरानीकर्ताओं ने हिंद महासागर पर नजर रखने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन उसने स्पष्ट किया है कि अभी निश्चित नहीं है कि सुनामी का खतरा बन रहा है। अमेरिकी प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि इस आकार के भूकम्प से बड़े पैमाने पर तबाही वाले सुनामी की लहरें उठने का खतरा रहता है जो समूचे हिंद महासागर के तटवर्ती इलाकों को प्रभावित कर सकता है।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने बताया कि सुमात्रा के तट के पास समुद्र की सतह से 33 किलोमीटर की गहराई पर भारतीय समयानुसार अपराह्न दो बजकर आठ मिनट पर 8.7 की तीव्रता वाला भूकंप आया। शुरू में इसकी तीव्रता 8.9 बताई गई थी। सुनामी चेतावनी केंद्र ने बताया कि उसने अभी पता नहीं लगाया है कि क्या ऊंची लहरें उठी हैं अथवा नहीं लेकिन उसमें शायद इसे पैदा करने की ताकत है और स्थानीय अधिकारियों को ‘उचित कदम’ उठाने की सलाह दी गई है।
26 दिसम्बर 2004 को सुमात्रा के तट पर 9.2 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद विनाशकारी सुनामी आई थी, जिसने दक्षिण एशिया में भारी तबाही मचाते हुए 220000 लोगों की जान ली। पिछले साल 9.0 की तीव्रता वाले भूकम्प के बाद आई सुनामी से जापान को परमाणु आपदा का सामना करना पडा था। तब 19000 लोग मारे गए।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 11, 2012, 17:56