Last Updated: Wednesday, July 17, 2013, 18:48

इस्लामाबाद : अपने आप की खोज और अंतर्मन की निर्मलता हासिल करने के लिए भारत में आयोजित योग शिविर में भाग लेने वाली एक पाकिस्तानी योग प्रशिक्षक ऐसे ही शिविर पाकिस्तान के स्थानीय निवासियों के लिए लगाने की कोशिश कर रही हैं।
कराची की योग प्रशिक्षक आयशा चापरा एक बुरे दौर से उबरने की कोशिश कर रही थीं। उन्हें योग के जरिए काफी तसल्ली मिली। वह अवसाद में अव्यवस्थित और दिशाहीन हो गई थीं और योग ने उन्हें शांति दी।
लेकिन अपने आप की असली खोज वे पिछले साल उत्तरकाशी में गंगा के किनारे शिवानंद कुटीर में आयोजित एक शिविर में कर सकीं। वहां उन्हें आश्रम की प्रभारी ‘माताजी’ द्वारा ‘सत्या’ कहकर पुकारा गया।
अपने ब्लॉग पर आयशा ने लिखा, हमने सभी बाधाओं और पीड़ाओं को हटाने वाले भगवान गणेश की वंदना से शुरूआत की। उसके बाद हमने ब्रह्मांड के संरक्षक भगवान विष्णु की वंदना की। उन्होंने लिखा, तीसरे सप्ताह में चंद्रग्रहण के नजदीक, हमने देवी मां को फूल, कुमकुम और चावल भेंट किए। अंतिम सप्ताह में हमने नटराज भगवान शिव से कहा कि वे हमें हमारी अंतिम बाधाओं से बाहर निकालें।
चापरा ने भारत यात्रा के कुछ ही समय बाद पाकिस्तान के खबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में अपनी पहली ‘सफलतम’ योग छुट्टी पूरी की। अब वह अपनी ऐसी ही दूसरी छुट्टियां (योग शिविर) हिंदूकुश हाईट्स में बिताने की योजना बना रही हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 17, 2013, 18:48