Last Updated: Wednesday, November 7, 2012, 18:38
वॉशिंगटन : तुलसी गबार्ड ने अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए निर्वाचित होकर आज इतिहास रच दिया। उन्होंने हवाई सीट पर सीधे मुकाबले में अपनी रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी को शिकस्त दी। इराक युद्ध में हिस्सा ले चुकी 31 वर्षीय गबार्ड ने रिपब्लिकन पार्टी की के. क्राउले को काफी अंतर से पराजित किया। उनकी जीत पर पूरे देश में हिंदू अमेरिकी समुदाय ने प्रसन्नता जाहिर की है। खबर मिलने तक केवल 50 फीसदी वोटों की गिनती हुई थी लेकिन गबार्ड को एक लाख 20 हजार मत मिले जो बहुमत के लिए पर्याप्त है। वह पहली महिला सिपाही हैं जो कांग्रेस के लिए निर्वाचित हुई हैं।
अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी पर अपराजेय बढ़त बनाने के तुरंत बाद तुलसी ने एक बयान में कहा, भले ही हवाई में ज्यादा संख्या में हिंदू नहीं हैं लेकिन मुझे कभी भी भेदभाव महसूस नहीं हुआ। गबार्ड ने कहा, पिछली बार जब मैं हवाई से बाहर गई थी तो एक व्यक्ति ने अपनी किशोरी बेटी के बारे में बताया कि वह अपने धर्म को लेकर शर्मिंदगी महसूस करती थी लेकिन मुझसे मिलने के बाद अब वह उस तरीके से नहीं सोचती।
वह इतना खुश था कि कांग्रेस के लिए मेरे निर्वाचन से अमेरिका में हजारों हिंदुओं को उम्मीद जगेगी कि वे अपने धर्म को लेकर निश्चिंत रहें और आश्वस्त रहें कि धर्म को लेकर उनके साथ भेदभाव नहीं है। चुनाव प्रचार के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी उनका पक्ष लिया था। हिंदू धर्म को लेकर वह गौरवान्वित हैं। वह न तो भारतीय हैं न ही भारतीय संस्कृति की। उनके पिता माइक गबार्ड फिलहाल हवाई राज्य के सीनेटर हैं और मां कैरोल पोर्टर गबार्ड शिक्षाविद एवं व्यवसायी हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 7, 2012, 18:38