हुसैन हक्कानी को पसंद नहीं खामोशी - Zee News हिंदी

हुसैन हक्कानी को पसंद नहीं खामोशी



नई दिल्ली : ‘मेमोगेट’ विवाद के बाद अपने पद से इस्तीफा देने वाले अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने शायराना अंदाज में कहा है कि वह शांत नहीं बैठेगें और लोगों की ईमानदारी को परखेंगे।

 

हक्कानी ने इस्तीफा देने के बाद माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा कि जो लोग मुझसे दोस्ती करते हैं और वे जो उनसे खफा रहते हैं, वह उन दोनों को परखते रहेंगे। हक्कानी ने कहा, ‘जफा का जिक्र करेंगे वफा को परखेंगे। खामोश रह के न गुजरेगी जिंदगी हमसे।’ उन्होंने एक शेर के जरिए कहा-
‘मुझ पर चाहे जितने भी जुल्म होते रहे,
खुदा का खयाल हमेशा मेरे मन में रहेगा।
गो मैं रहा राहिने सितम है ये रोजगार
लेकिन तेरे ख्याल से गाफिल नहीं रहा।’
हक्कानी के ऐसा कहने पर पाकिस्तान के लाहौर शहर में रहने वाले उनके एक फालोवर सोबन अकरम ने ट्वीट कर उन्हें सलाह दी, ‘सर! परखने का समय अब गुजर गया। बस करें, अब गैरत करें और सच बताकर क्रांति का साथ दे। अगर आप भी नहीं बोले तो कौम कभी माफ नहीं करेगा। जाग जाएं इससे पहले कि अल्लाह रस्सी खींच ले।’ अमेरिका से पाकिस्तान की सरजमीं पर कदम रखने से पहले हक्कानी ने मशहूर शायर फैज का शेर कहा-
‘जुनु में जैसी भी गुजरी बेकार गुजरी है,
अंगरचे दिल पे खराबी हजार गुजरी है,
माटी की मोहब्बत में हम अशुफ्ता सरों ने,
वो कर्ज उतारे हैं जो वाजिब भी नहीं थे।’

 

इस बीच पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया से ट्विटर पर हक्कानी को जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है। एक प्रशंसक ने उन्हें मुकदमा करने की सलाह दी जिसे पसंद करते हुए हक्कानी ने री-ट्वीट किया। चारों तरफ से मिल रहे इस समर्थन पर हक्कानी ने लिखा, ‘आपकी तरफ से मिले समर्थन और शुभकामनाओं से मैं बहुत सशक्त महसूस कर रहा हूं। आप सभी को धन्यवाद।’ हक्कानी ने अटकलें लगाने वालों को सलाह दी कि वे उनके ब्लैकबेरी मोबाइल की लिखित प्रतिलिपि को फिर से पढ़े। उन्होंने कहा कि इस प्रतिलिपि में गुप्त ज्ञापन के बारे में कोई जिक्र नहीं है।

 

गौरतलब है कि अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी को गुप्त ज्ञापन मामले में पद छोड़ने का आदेश दिया गया था जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, हक्कानी ने कथित तौर पर अमेरिका को एक गुप्त ज्ञापन सौंपा था जिसमें पाकिस्तान में होने वाले किसी संभावित तख्तापलट को रोकने की मांग की गई थी। इस खबर के बाद पाकिस्तानी सेना काफी नाराज हुई थी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 24, 2011, 14:59

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