Last Updated: Wednesday, November 23, 2011, 13:43
नई दिल्ली : सरकार ने बुद्धवार को बताया कि देश के 11 राज्यों को विशेष राज्य की श्रेणी में रखा गया है जबकि बिहार, उड़ीसा, राजस्थान और गोवा सरकार से विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिए जाने का अनुरोध प्राप्त हुआ है। चार राज्यों ने इस विषय पर अनुरोध किया है।
लोकसभा में अजरुन मेघवाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा योजना राज्य मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा संबंधी मुद्दा सबसे पहले राष्ट्रीय विकास परिषद की अप्रैल 1969 की बैठक में गाडगिल फार्मूला के अनुमोदन के समय सामने आया था।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की ओर से कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिया गया है। किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने पर विचार के लिए कुछ मापदंड बनाए हैं ताकि उनके पिछड़ेपन का सटीक मूल्यांकन किया जा सके और इसके अनुरूप दर्जा प्रदान किया जा सके।
कुमार ने कहा कि इसके तहत अरूणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, नगालैण्ड, त्रिपुरा, उत्तराखंड और मिजोरम को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इन मापदंडों में उक्त क्षेत्र का पहाड़ी इलाका और दुर्गम क्षेत्र, आबादी का घनत्व कम होना एवं आदिवासी आबादी का अधिक होना, पड़ोसी देशों से लगे सामरिक क्षेत्र में स्थित होना, आर्थिक एवं आधारभूत संरचना में पिछड़ा होना और राज्य की आय की प्रकृति का निधारित नहीं होना शामिल है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 23, 2011, 19:23