Last Updated: Friday, December 28, 2012, 20:05
नई दिल्ली : भाजपा ने आज कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना को समय से सवा साल देरी से क्रियान्वित होने और उसके पूर्वानुमानों के जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाने से यह अभी से तय हो गया है कि इसके बड़े-बड़े मंसूबों को पूरा नहीं किया जा सकेगा।
पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने यहां कहा कि कल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में अपनाई गई 12वीं पंचवर्षीय योजना अप्रैल में ही अपनाई जानी चाहिए थी, लेकिन इसमें आठ महीने की देरी हुई। इसका क्रियान्वयन शुरू होते-होते यह देरी लगभग सवा साल की हो जाएगी। ऐसे में इसका लगभग 25 प्रतिशत समय तो पहले ही व्यर्थ जा चुका है। अपनाई गई योजना को अंतर्विरोधों से भरा बताते हुए उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में देश की विकास दर आठ प्रतिशत होने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन वर्तमान में यह दर औसतन पांच-साढ़े पांच प्रतिशत रहने को देखते हुए उक्त लक्ष्य को पाना वास्तविकता से परे है।
उन्होंने दावा किया कि सितंबर की बैठक में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम स्वयं स्वीकार कर चुके हैं कि बड़े लक्ष्यों को पाना मुश्किल होगा। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते लक्ष्यों के अलावा देश में इस समय कथित तौर पर ‘नेतृत्व और दूरदर्शिता की कमी’ भी 12वीं योजना के मंसूबों को पूरा करने में बड़ी बाधा साबित होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार में विश्वास की कमी इसी से झलकती है कि पहले तय की गई विकास दर को नौ प्रतिशत से 8.2 और उसके बाद अब आठ प्रतिशत कर दिया गया है। लेकिन 2012-13 में साढ़े पांच प्रतिशत से भी कम सकल घरेलू उत्पाद दर को देखते हुए साफ है कि आठ प्रतिशत की विकास दर को भी पाना इस सरकार के लिए असंभव होगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 28, 2012, 20:05