Last Updated: Saturday, March 23, 2013, 16:51
नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल में शीर्ष माओवादी नेता किशनजी को मुठभेड़ में मार गिराने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो अधिकारियों सहित सेना और वायुसेना के 12 कर्मियों को आज शौर्य चक्र से सम्मानित किया। शौर्य चक्र शांतिकाल में दिया जाने वाला तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।
गत वर्ष कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा पर एक आतंकवादी हमले को नाकाम करने के लिए दो जवानों नायक राजेश्वर सिंह और पंजाब रेजीमेंट के नायक अनिल कुमार को शौर्य चक्र मरणोपरांत प्रदान किये गए। सेना की उड्डयन कोर के मेजर चंद्रशेखर सिंह को भी पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किया गया। सिंह सियाचिन ग्लेशियर में वायु रखरखाव अभियान संचालित करने के दौरान शहीद हो गए थे।
सहायक कमांडेंट नगेंद्र सिंह और विनोज पी जोसेफ को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। सिंह और जोसेफ ने झाड़ग्राम से 13 किलोमीटर दूर बुरीसोली गांव के जंगलों में पांच से सात सशस्त्र माओवादियों के होने की गुप्त सूचना पर गत 14 नवम्बर 2011 को सीआरपीएफ और पुलिस का एक संयुक्त अभियान शुरू किया था।
क्षेत्र में तलाशी के दौरान सिंह और जोसेफ सहित सीआरपीएफ के कोबरा कर्मियों पर माओवादियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। इस मुठभेड़ में सिंह को ग्रेनेड के टुकड़े लगे जबकि जोसेफ पर गोलियों की बौछार हुई। मुठभेड़ कई मिनट चली। माओवादी इस अचानक हमले से हतोत्साहित होकर पीछे हटने को मजबूर हुए। गोलीबारी रुकने पर क्षेत्र की गहन तलाशी ली गई जिसमें एक शव और एक एके 47 राइफल मिली। बाद में शव की पहचान माओवादी नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी के रूप में की गई।
जम्मू कश्मीर के सोपोर स्थित एक घर में छुपे एक आतंकवादी को मार गिराने के लिए मेजर सौरभ सुयल को शौर्य चक्र प्रदान किया गया। अधिकारी को पूर्व में दो बार सेना पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
पूर्व डिप्टी चीफ आफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल रमेश हलगली, सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग और दक्षिण पश्चिम कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण उन 39 वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल थे जिन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक और अतिविशिष्ट सेवा पदक प्रदान किया गया। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 23, 2013, 16:49