Last Updated: Saturday, December 31, 2011, 14:41
मुंबई : केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने शनिवार को कहा कि इस साल राज्यों में आतंक और नक्सली हिंसा ऐतिहासिक रूप से सबसे निचले स्तर पर रही।
चिदम्बरम ने यहां संवाददाताओं से कहा, प्रभावित राज्यों खासकर जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों और वाम चरमपंथ प्रभावित राज्यों में हिंसा का स्तर साल 2011 में ऐतिहासिक स्तर पर नीचे रही। उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर में इस साल में 31 नागरिक एवं 33 सुरक्षाकमियों ने अपनी जान गंवाई जबकि पिछले साल 47 नागरिकों एवं 69 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी। इस तथ्य से भी हिंसा पर नियंत्रण का संकेत मिलता है कि जम्मू कश्मीर में 23 साल के अंतराल के बाद पंचायत चुनाव हुए।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में 69 नागरिकों एवं 32 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गयी जबकि पिछले साल 94 नागरिक और 20 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गयी थी। ऐसा रूख इस वजह है कि उल्फा एवं एनडीएफबी समेत पूर्वोत्तर के ज्यादातर संगठन वार्ता प्रक्रिया में शामिल हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने बताया कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के साथ त्रिपक्षीय समझौता हुआ है और यूपीडीएस के साथ करार पर हस्ताक्षर हुए।
चिदम्बरम ने कहा कि नक्सल प्रभावित राज्यों में हिंसा का स्तर घटा लेकिन यह अब भी अस्वीकार्य स्तर पर है। उन्होंने कहा, इस साल 447 नागरिक और 142 सुरक्षाकर्मी मारे गए जबकि पिछले साल 718 नागरिक और 285 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। नवंबर में नक्सलियों ने 42 लोगों ( 38 नागरिक और चार सुरक्षाकर्मी) की हत्या कर दी और दिसंबर में उन्होंने 45 लोगों (31 नागरिक और 14 सुरक्षाकर्मी) की जान ले ली।
उन्होंने कहा कि मुम्बई में 13 जुलाई और दिल्ली में सात सितंबर को बम विस्फोट इस बात का कड़ा सकेत है कि आतंकवादी दस्ते अब भी देश में सक्रिय है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने 2011 को कई उपलब्धियों और कुछ झटकों के साथ संतोषजनक साल करार देते हुए कहा, मैं आशा करता हूं कि अगले दो तीन साल तक क्षमता निर्माण जारी रहेगा जिसके बाद हम दावा कर सकते हैं कि आतंरिक सुरक्षा की बहुआयामी चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे पास पर्याप्त क्षमता है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 31, 2011, 20:11