2012 का भारत 1962 जैसा नहीं : एंटनी

2012 का भारत 1962 जैसा नहीं : एंटनी

2012 का भारत 1962 जैसा नहीं : एंटनीनई दिल्ली : चीन द्वारा 1962 को दोहराने की संभावनाओं को नकारते हुये रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने आज कहा कि भारत अब अपनी रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। नौसेना के एक सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से बातचीत में एंटनी ने कहा, ‘पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचा हमारी संतुष्टि के मुताबिक नहीं है लेकिन अतीत की तुलना में इसमें काफी सुधार आया है। साल 2012 का भारत उस वक्त का भारत नहीं है। हम अब अपने देश की एक-एक इंच की हिफाजत करने में सक्षम हैं।’ एंटनी 1962 युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

साल 1962 में चीन के साथ युद्ध में भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा था। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने पूर्वोत्तर राज्यों में बुनियादी ढांचे के विस्तार पर ध्यान केंद्रित नहीं किया था लेकिन, ‘अब हम काफी तेजी से आगे बढ़े हैं। अब हमारे आधारभूत ढांचे, संपत्तियों और मानव शक्ति में अतीत की तुलना में काफी गुणात्मक सुधार आया है।’ एंटनी ने कहा कि भारत अपने आधारभूत ढांचों का निर्माण जारी रखेगा और सशस्त्र बलों को बेहतरीन उपकरण मुहैया कराएगा और साथ ही साथ सीमा मुद्दे पर चीन के साथ वार्ता जारी रखेगा एवं उसके साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंध भी बरकरार रखेगा।

एंटनी ने कहा, ‘एक तरफ हम सीमा पर अपनी क्षमता को मजूबत कर रहे हैं जबकि दूसरी तरफ हमने चीन के साथ एक सीमा प्रबंधन तंत्र की स्थापना की है जो अब संतोषजनक तरीके से काम कर रहा है।’ साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर एंटनी ने कहा कि इस बाबत किसी तंत्र की स्थापना करने की ओर भारत ने काफी देर से रुख किया है लेकिन सरकार के अंदर बेहतर समन्वय कायम है और ‘हम अपनी साइबर संपत्तियों की रक्षा के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं।’ (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 18, 2012, 22:17

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