2014 तक नहीं चलेगी मनमोहन सरकार: आडवाणी

2014 तक नहीं चलेगी मनमोहन सरकार: आडवाणी

2014 तक नहीं चलेगी मनमोहन सरकार: आडवाणीसूरजकुंड (हरियाणा) : समय से पहले चुनाव होने की आहट महसूस करते हुए भाजपा ने अधिक से अधिक दलों को अपने पाले में लाने और प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने की कवायद में धर्मनिरपेक्षता के प्रति सहयोगी पार्टियों की आशंकाओं को दूर करने और अल्पसंख्यकों के प्रति किसी तरह के भेदभाव या अन्याय की भावना नहीं होने का भरोसा दिलाने का आज प्रयास किया।

इस महीने की 26 तारीख से शुरू हुई भाजपा की एक दिवसीय कार्यकारिणी और दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक में विचार मंथन के बाद समापन संदेश में पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आगाह किया, ‘हमें अपने बड़े सहयोगी दलों को फिर से आश्वासन देना होगा कि उन्हें भाजपा के साथ सहयोग करने के बारे में किसी प्रकार की कोई आशंका नहीं होनी चाहिए। इसके लिए धर्मनिरपेक्षता के प्रति हमारी वचनबद्धता को पुन: इस ढंग से प्रस्तुत किए जाने की जरूरत है जिससे उनकी आशंकाएं निर्मूल साबित हो सकें।’

कट्टर हिन्दुत्व के चेहरे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावनाओं पर सहयोगी दल जदयू की कड़ी मुखालफत के बीच आडवाणी के इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पार्टी के प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने की रणनीति का संकेत देते हुए आडवाणी ने यह भी कहा कि हमें अल्पसंख्यक समुदाय के अपने बंधुओं को दृढ़ता से यह आश्वासन पुन: देना चाहिए कि पार्टी के विचारों में उनके साथ किसी प्रकार का भेदभाव या अन्याय की कोई भावना नहीं है।

आडवाणी ने 2014 से पहले ही मनमोहन सिंह सरकार के गिरने की भविष्यवाणी करते हुए पार्टी से कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन शुरू कर दे। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ‘वेंटिलेटर’ पर है और यह जितनी जल्दी चली जाए उतना देश के लिए अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि अब तो संप्रग के कुछ सहयोगी ही चाहते हैं कि यह सरकार जितनी जल्दी जाए उतना अच्छा है। आज यह लगभग निश्चित सा लग रहा है कि एक साल के पहले ही इसका ‘लाइफ सपोर्ट’ खत्म हो जाए और यह चली जाए।

चुनावी मोड में जाने की तैयारी में पार्टी की छवि सुधारने के प्रति आगाह करते हुए उन्होंने कर्नाटक सहित भाजपा शासित कुछ राज्यों में भ्रष्टाचार के आरोपों की पृष्ठभूमि में कहा कि पार्टी जहां शासन में है वहां भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इच्छा को समझते हुए राष्ट्रीय परिषद ने पार्टी के विधान में संशोधन करके पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने का रास्ता साफ कर दिया। वह दिसंबर 2012 में पहला कार्यकाल समाप्त होने के बाद दिसंबर, 2015 तक के लिए फिर से अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे।

भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उनके नेतृत्व में न रिपीट न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि उसके दोषियों को बचाया जा रहा है और इस कदाचार को सामने लाने वाली संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार किया जा रहा है।

राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में 2004 में हुए कोयला ब्लाक आवंटन के मामले में प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग दोहराई गयी और सभी 142 खदानों के आवंटन को निरस्त करते हुए इस मामले की तफ्तीश उच्चतम न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांगी की गई। (एजेंसी)

First Published: Friday, September 28, 2012, 15:34

comments powered by Disqus