Last Updated: Wednesday, February 29, 2012, 14:45
नई दिल्ली : लगातार दुर्घटनाओं का शिकार हुए एमआईजी-21 विमानों को 2014 से वायुसेना के बेड़े से बाहर करना शुरू किया जाएगा, जिसके बाद आधुनिक पीढ़ी के विमानों को शामिल कर वायु सेना को नया स्वरूप प्रदान किया जा सकेगा। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि मिग 21 विमानों को 2014 से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी जिनकी संख्या वायुसेना के बेड़े में करीब 40 प्रतिशत है।
एफजीएफए और एमएमआरसीए जैसे आधुनिक पीढ़ी के विमानों को शामिल कर वायुसेना नया स्वरूप प्राप्त करेगी। भारतीय वायुसेना सुखोई-30 एमकेआई, पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) और 126 नए मध्यम बहुभूमिका वाले लड़ाकू विमानों (एमएमआरसीए) को शामिल कर रही है। एंटनी हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में रक्षा मंत्रालय की संसदीय परामर्श समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। वायुसेना ने मिग-21 के पुराने प्रकार को पहले ही बाहर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और यह प्रक्रिया 2017 के आखिर तक पूरी होने की उम्मीद है।
पिछले साल कुल सात लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे, जिनमें से छह एमआईजी-21 के प्रकार के थे। वायुसेना ने अब तक कुल 946 एमआईजी-21 विमानों को अपने बेड़े में शामिल किया है और पिछले 45 साल में अनेक विमान हादसों में 476 मिग विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 29, 2012, 20:15