Last Updated: Monday, February 20, 2012, 11:09
नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने बुधवार को माओवादी हिंसा से प्रभावित राज्यों के शीर्ष प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलायी है । बैठक में नक्सल विरोधी अभियान की समीक्षा के साथ साथ भावी रणनीति तैयार की जाएगी ।
झारखंड, उडीसा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक बैठक में शामिल होंगे, जो 22 फरवरी को होने जा रही है । बैठक में माओवादी हिंसा से प्रभावित इलाकों में सुरक्षा हालात को लेकर चर्चा की संभावना है ।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि शीर्ष सुरक्षा अधिकारी राज्यों की पुलिस और केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों के बीच बेहतर समन्वय के बारे में भी बातचीत करेंगे । वे तय करेंगे कि वारदात को अंजाम देने के बाद एक राज्य से दूसरे राज्य में भागने वाले नक्सलियों से कैसे निपटा जाए ।
बैठक में नक्सल प्रभावित इलाकों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की जाएगी और यह भी विचार विमर्श होगा कि अधिक से अधिक लोगों तक विकास के फायदे कैसे पहुंचे । देश के आठ राज्यों में 64 जिलों के 270 थानाक्षेत्र नक्सल हिंसा प्रभावित इलाकों में आते हैं ।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में हिंसा का स्तर काफी ज्यादा है । 2011 में नक्सल हिंसा में 447 आम लोग और 142 सुरक्षा जवान मारे गये । केन्द्र सरकार माओवादियों से निपटने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है । नक्सल हिंसा प्रभावित इलाकों में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की 71 बटालियनें यानी लगभग 71 हजार लोग तैनात हैं ।
सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के तहत बजट आवंटन 2011-12 में बढाकर 337 करोड रूपये कर दिया गया जो 2008-09 में महज 80 करोड रूपये था ।
सरकार 60 चुनिन्दा आदिवासी बहुल एवं पिछडा बहुल माओवादी हिंसा प्रभावित जिलों में 2010 से महात्वाकांक्षी एकीकृत कार्ययोजना चला रही है । दिसंबर 2011 में इस योजना के तहत 18 और जिलों को शामिल किया गया ।
(एजेंसी)
First Published: Monday, February 20, 2012, 16:41