Last Updated: Friday, July 6, 2012, 23:32

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : मुंबई हमले के सिलसिले में गिरफ्तार अबु जिंदाल उर्फ अबु हमजा ने फिर एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उसने पूछताछ में कबूला है कि आईएसआई के अफसर ने 26/11 हमले के लिए हथियार और गोलियां मुहैया करवाई थी। उक्त आईएसआई अफसर का नाम मेजर समीर है।
सऊदी अरब में पकड़े जाने के वक्त इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के साथ मिलकर भारत में 26/11 के जैसे एक अन्य हमले की साजिश कर रहा था। यह बात स्वयं जिंदाल ने जांचकर्ताओं की पूछताछ में स्वीकार की है।
जांचकर्ताओं का दावा है कि जिंदाल ने उन्हें बताया कि उसके संबंध लश्कर -ए-तोएबा से हैं, जिसके तार आईएम से जुड़े हैं। लश्कर की मदद से देशभर में आईएम के मॉड्यूल बनाए जा रहे थे। जिंदाल से पूछताछ करने वाले एक अधिकारी ने कहा कि भारत में 26/11 जैसे एक और हमले को अंजाम देने के लिए हथियार व शस्त्र एकत्र करने के उद्देश्य से लश्कर ने जिंदाल को आईएम के साथ लगाया था।
जिंदाल इस समय दिल्ली पुलिस की हिरासत में है। उसने पुलिस को बताया कि लश्कर और आईएम महाराष्ट्र के नासिक पुलिस अकादमी में उसी तरह के हमले को अंजाम देने की साजिश कर रहे थे, जैसा कि 30 मार्च, 2009 को तालिबान ने लाहौर पुलिस अकादमी में किया था। इन आतंकवादी समूहों ने लाहौर अकादमी हमले की कार्य-प्रणाली के अध्ययन के लिए कई बार हमले की वीडियो देखी। अधिकारी ने बताया कि लश्कर और आईएम के मॉड्यूल ने पुलिस की वर्दी में नासिक अकादमी पर हमले की साजिश की थी। लेकिन पुणे में जर्मन बेकरी विस्फोट मामले में वांछित मिर्जा हिमायत बेग व बिलाल की फरवरी 2010 में गिरफ्तारी के बाद उनकी यह साजिश नाकाम हो गई।
अधिकारी ने बताया कि लश्कर में जिंदाल को शीर्ष पद प्राप्त था। उसने आतंकवादी समूहों तथा पाकिस्तानी सरकारी एजेंसियों, खासकर इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के साथ उनके सम्बंधों का भी खुलासा किया है। जिंदाल से पुलिस को जर्मन बेकरी विस्फोट, बेंगलुरूके चिन्नास्वामी स्टेडियम में विस्फोट और दिल्ली के जामा मस्जिद में विस्फोट व गोलीबारी के सिलसिले में भी जानकारी मिली है। जिंदाल ने जांचकर्ताओं को पूछताछ में बताया कि वह पहले स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का सदस्य था। भारत में सिमी पर प्रतिबंध के बाद वह लश्कर से जुड़ गया। बाद में उसने आईएम के गठन तथा इसे समर्थन देने में भूमिका निभाई।
मुंबई हमले के बाद उसने पाकिस्तानी नागरिकता हासिल करने की कोशिश की और भारत से अपने सभी संबंध तोड़ लिए। इसी के तहत उसने वर्ष 2009 में कराची की एक लड़की से निकाह किया। उसके अलग-अलग 26 नाम हैं, जिनमें से एक नाम रियासत अली भी है। इसी नाम पर उसके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं।
First Published: Friday, July 6, 2012, 23:32