Last Updated: Thursday, February 2, 2012, 12:50
नई दिल्ली : मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में पाकिस्तान में चल रहे मुकदमे को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है क्योंकि पडोसी देश का न्यायिक आयोग तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक गुरुवार को भारत आने में विफल रहा।
इस आयोग को हमले से जुडी जांच में शामिल महत्वपूर्ण लोगों के बयान दर्ज करने थे ।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने राजनयिक जरियों से भारत को सूचित किया है कि मुंबई आतंकी हमले से जुडी न्यायिक प्रक्रिया के तहत आयोग अपनी प्रस्तावित यात्रा पर भारत नहीं आ पाएगा।
सूत्रों ने कहा कि आयोग क्यों नहीं आ रहा है, इस बारे में पाकिस्तान ने कोई वजह नहीं बताई है। हो सकता है कि चार फरवरी को रावलपिंडी की अदालत में मामले की विशेष सुनवाई के कारण ऐसा हुआ हो। रावलपिंडी की अदालत में ही इस मामले से जुडा मुकदमा चल रहा है।
पाकिस्तान ने आयोग की यात्रा के लिए कोई नयी तारीख नहीं बताई है। भारत ने इससे पहले पाकिस्तान को सूचित किया था कि उसका आयोग एक से दस फरवरी के बीच कभी भी आ सकता है। आयोग को मुंबई आतंकी हमले के जांच अधिकारी रमेश महाले के अलावा हमले में जीवित बचे एकमात्र आतंकी अजमल कसाब का इकबालिया बयान लेने वाले मजिस्ट्रेट आरवी सावंत वाघले के बयान दर्ज करने थे।
आयोग को उन दो डाक्टरों के बयान भी लेने थे, जिन्होंने हमला करने वाले कसाब के साथी आतंकवादियों के शवों का पोस्टमार्टम किया था। हमले में नौ आतंकवादी मारे गए थे। आयोग की भारत यात्रा दो साल से प्रतीक्षित है और यह किसी न किसी वजह से टलती आई है। रावलपिंडी की अदालत में मामले की सुनवाई भी काफी मंद गति से चल रही है और भारतीय अधिकारियों को उम्मीद नहीं है कि दोषियों को जल्द सजा मिल पाएगी।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, February 2, 2012, 18:20