26/11 हमले पर कार्रवाई विश्वास बहाली का बड़ा कदम: भारत

26/11 हमले पर कार्रवाई विश्वास बहाली का बड़ा कदम: भारत

26/11 हमले पर कार्रवाई विश्वास बहाली का बड़ा कदम: भारतनई दिल्ली: भारत ने आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान से दो टूक कहा कि वह 26/11 के हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करे। यदि वह ऐसा करता है तो यह विश्वास बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। वहीं पाकिस्तान ने हमले में किसी भी सरकारी एजेंसी की भूमिका होने से इंकार करते हुए घटना की संयुक्त जांच की पेशकश की। भारत और पाकिस्तान ने ये बातें विदेश सचिव स्तर की वार्ता के दौरान कही। विदेश सचिव रंजन मथाई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी की बुधवार को शुरू हुई दो दिवसीय वार्ता गुरुवार को यहां समाप्त हो गई। वार्ता समाप्त होने के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि यह 'स्पष्ट व रचनात्मक माहौल' में हुई। दोनों पक्षों ने बातचीत जारी रखने का निर्णय लिया। वे हालांकि आतंकवाद पर आपसी मतभेदों को समाप्त करने में विफल रहे।

दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता विश्वास बहाली के उपायों, जम्मू एवं कश्मीर तथा मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान के साथ-साथ शांति एवं सुरक्षा के मुद्दे पर हुई, लेकिन इसमें 26/11 के सिलसिले में गिरफ्तार अबू जिंदाल के खुलासे छाए रहे, जिसने पूछताछ में जांचकर्ताओं को बताया है कि मुम्बई हमले का नियंत्रण कक्ष पाकिस्तान में था।

भारत ने जिंदाल के खुलासों को पाकिस्तान के साथ साझा किया और उस पर 26 नवम्बर, 2008 के मुम्बई हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाया।

मथाई ने कहा, "आतंकवाद क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है और मुम्बई हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई विश्वास बहाली का एक बड़ा कदम होगा। जिंदाल की गिरफ्तारी ने इसकी तत्काल आवश्यकता को बढ़ा दिया है। मैंने इस मुद्दे को जिलानी के साथ उठाया और उनके साथ सूचनाएं साझा की।"

जवाब में जिलानी ने कहा, आतंकवाद भारत और पाकिस्तान, दोनों के लिए खतरा है। एक-दूसरे पर आरोप लगाने से इसमें कोई मदद नहीं मिलेगी।

जिलानी ने मुम्बई हमले में पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियों की संलिप्तता के भारत के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "मैंने उन्हें (मथाई को) आश्वस्त किया है कि भारत के पास जो भी सबूत हैं, उन्हें साझा किया जाना चाहिए। हमने यहां तक कि इस मामले की संयुक्त जांच की भी पेशकश की है।"

जिलानी ने दोनों देशों के बीच आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बाद में विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से भी मुलाकात की। कृष्णा ने भी जिलानी को बताया कि 26/11 के हमले को लेकर पाकिस्तान के सुस्त रवैये से भारत में किस कदर गुस्सा है। उन्होंने जिलानी से दो टूक कहा कि पाकिस्तान मुम्बई हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करे, ताकि शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

आतंकवाद के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच अलग-अलग धारणा होने के बावजूद दोनों पक्षों ने बातचीत जारी रखने और व्यापारिक सम्बंध बढ़ाने पर बल दिया।

दोनों पक्षों ने जम्मू एवं कश्मीर के मुद्दे पर भी विस्तृत वार्ता की। दोनों पक्षों ने नियंत्रण रेखा के आर-पार यात्रा एवं व्यापार को बढ़ावा देने तथा नियंत्रण रेखा के आर-पार विश्वास बहाली के उपायों पर कार्य समूह की बैठक 19 जुलाई को इस्लामाबाद में करने का निर्णय लिया।

दोनों पक्षों ने विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के आगामी पाकिस्तान दौरे पर भी विचार किया। सितम्बर में होने वाली इस यात्रा की तैयारियों के लिए दोनों देशों के विदेश सचिवों ने इस्लामाबाद में बैठक करने का भी निर्णय लिया। (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 5, 2012, 23:41

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