Last Updated: Tuesday, May 15, 2012, 02:48

ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली: 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा 15 माह बिताने के बाद मंगलवार शाम तिहाड़ जेल से बाहर आए। उन्हें मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने जमानत दी, लेकिन यह पाबंदी भी लगाई कि वह बिना अनुमति दूरसंचार विभाग और अपने गृह राज्य तमिलनाडु नहीं जाएंगे।
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के 14 आरोपियों में राजा ही अब तक जेल में बंद थे। अन्य 13 आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी थी। राजा फरवरी, 2011 से ही तिहाड़ जेल में थे। इस मामले में तीन कम्पनियों को भी आरोपी बनाया गया है। इससे पहले, पूर्व दूरसंचार मंत्री राजा को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में 15 माह जेल में बिताने के बाद मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत से जमानत मिल गई। घोटाले के मुख्य आरोपी राजा फरवरी, 2011 से ही तिहाड़ जेल में थे।
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश ओपी सैनी ने राजा से कहा कि आपका आवेदन मंजूर किया जाता है। इसके बाद अदालत में राजा के समर्थकों ने नारेबाजी की। राजा के वकील ने संवाददाताओं से कहा कि 13 लोग इस मामले में पहले ही जमानत पर हैं। अब सभी आरोपी जमानत पर हैं। सुनवाई जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि राजा को सीबीआई के विरोध के बावजूद जमानत मिली।
सीबीआई ने यह कहते हुए राजा को जमानत देने का विरोध किया था कि उनके खिलाफ 200 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप है, जो उनके मामले को पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा से अलग बनाता है, जिन्हें पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। राजा ने अपने आवेदन में समानता के आधार पर जमानत का अनुरोध किया था।
राजा पर यह आरोप है कि 2008 में टेलीकॉम कंपनियों को 2 जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस 2001 की कीमत पर बेचे गए। कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की गई। मार्च 2010 में सीएजी ने स्पेक्ट्रम आवंटन में गड़बड़ी की बात की। नवंबर 2010 में सीएजी की जांच में सरकारी खजाने को 1 लाख 75 हजार करोड़ का नुकसान सामने आया। इसके बाद 14 नवंबर 2010 को राजा ने दूर संचार मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया ।
First Published: Wednesday, May 16, 2012, 11:05