Last Updated: Tuesday, January 31, 2012, 13:48
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने
2जी स्पेक्ट्रम मामले में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने में असफल रहने पर मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की खिंचाई की और भ्रष्ट जनसेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए चार महीने की समयसीमा तय कर दी।
न्यायालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका को मंजूरी दे दी, जिसमें ए. राजा के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम मामले में मुकदमा चलाने के अनुरोध पर प्रधानमंत्री को निर्देश देने से इनकार कर दिया गया था।
अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती की दलीलों को ठुकराते हुए न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति ए के गांगुली की पीठ ने कहा कि राजा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग करने वाले स्वामी के पास इसकी अनुमति मांगने का आधार बनता है। न्यायालय ने पीएमओ पर प्रधानमंत्री के पास की गई राजा के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने संबंधी याचिका को रोके रखने का दोषी ठहराया।
उधर, 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पूर्व संचार मंत्री ए. राजा पर अभियोजन की अनुमति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आज स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सही ठहराया गया है। पीएमओ ने कहा कि शीर्ष अदालत के निर्देशों का अध्ययन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, हम इस तथ्य का स्वागत करते हैं कि दोनों विद्वान न्यायाधीशों ने पूरी तरह प्रधानमंत्री को सही ठहराया है और वहीं उनके कार्यालय की अहम जिम्मेदारियों को माना है।
शीर्ष कोर्ट ने कहा था, ‘हमें इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यदि प्रधानमंत्री को अपीलकर्ता द्वारा रखे गए पक्ष के संबंध में सही, वास्तविक और कानूनी स्थिति से अवगत कराया गया होता तो उन्होंने निश्चित रूप से उचित फैसला किया होता और मामले को एक साल से ज्यादा अवधि तक लटके नहीं रहने देते। इसके साथ ही अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में राजा पर अभियोजन की मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री से किए जाने वाले अनुरोध को दबाए रखने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को जिम्मेदार ठहराया। पीएमओ ने कहा कि सरकार उनके (अदालत के) निर्देशों का अध्ययन कर रही है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 31, 2012, 23:47